उत्तराखंड में कम हो सकती है संरक्षित श्रेणी में वनस्पतियों की प्रजातियां

हल्द्वानी। उत्तराखंड में संरक्षित प्रजाति की वनस्पतियों (पेड़-पौधों) की संख्या कम की जा सकती है। वर्तमान तक राज्य में कुल 184 प्रजातियों को संरक्षित श्रेणी…

Plantation program on Almora- Harela festival will be organized with the theme "Selfie with Plant"

हल्द्वानी। उत्तराखंड में संरक्षित प्रजाति की वनस्पतियों (पेड़-पौधों) की संख्या कम की जा सकती है। वर्तमान तक राज्य में कुल 184 प्रजातियों को संरक्षित श्रेणी में रखा गया है परन्तु अब सरकार वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन करते हुए सिर्फ 21 तरह के पेड़-पौधों को ही संरक्षित श्रेणी में रख सकती है। हालांकि बहुकीमती बांज, देवदार, साल, खैर, सागौन समेत कुछ विशेष प्रजातियों के लिए बाध्यता रहेगी।

जानकारी के अनुसार लगभग 47 साल पुराने वृक्ष संरक्षण अधिनियम में बदलाव की कवायद बीते साल से ही शुरू हो गई थी। वन मंत्री का भी कहना है कि लोग अपनी भूमि पर पेड़ लगाते हैं लेकिन उन्हें काटने की अनुमति लेने के लिए वन विभाग के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे में लोगों की अपनी भूमि पर पेड़ लगाने को लेकर रुचि कम हो रही है। कहा, लोगों इस समस्या को देखते हुए राज्य के वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन की तैयारी चल रही है।