क्यों आतें हैं भूकंप , और कैसे मापी जाती हैं इसकी तीव्रता , जानिए

आज यानी 3 अक्टूबर को 2 बजकर 52 मिनट में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप का…

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आज यानी 3 अक्टूबर को 2 बजकर 52 मिनट में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप का केंद्र नेपाल में 29.39 डिग्री उत्तर अक्षांश पर और 81.23 डिग्री पूर्व देशांतर पर स्थित था। अब ऐसे में कई लोगो मन में सवाल उठता है की भूकंप आता क्यों है और इसको मापा कैसे जाता है।

आसान शब्दों में बताए तो भूकंप का मतलब जमीन कांपने से होता है जिसको भूकंप कहते है। धरती के अंदर 7 प्लेट्स होती है। यह प्लेटें लगातार घूमती रहती हैं, इस दौरान जब वह एक दूसरे से टकराती है या स्लाइड करती हैं तो ऊर्जा रिलीज होती हैं। यह ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में यात्रा करती हैं। जो पृथ्वी की सतह पर कंपन का कारण बनती हैं। भूकंप विज्ञान केंद्रों के लिए भूकंप की तीव्रता और समय का पता लगाना बहुत ही जरूरी होता है। इसके लिए वे सिस्मोग्राफ नामक एक डिवाइस होता उसका इस्तेमाल करते हैं। सिस्मोग्राफ एक ऐसा डिवाइस है जो भूकंप के दौरान जमीन के कंपन को रिकॉर्ड करता है। इस रिकॉर्ड को सिस्मोग्राम कहते हैं। सिस्मोग्राफ के जरिए भूकंप की तीव्रता और समय का पता लगाया जा सकता है।

रिक्टर स्केल एक ऐसा पैमाना है जो भूकंप की तरंगों की तीव्रता को मापता है। इसे रिएक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता को 1 से 10 के बीच मापा जाता है. 1 से 2 तीव्रता के भूकंप को हल्का भूकंप कहा जाता है, जबकि 10 तीव्रता का भूकंप एक बहुत ही शक्तिशाली भूकंप होता है।