खुद को जिलाधिकारी बताकर नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार

खुद को कभी जिलाधिकारी तो कभी समीक्षा अधिकारी बताकर नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से लाखो की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने…

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खुद को कभी जिलाधिकारी तो कभी समीक्षा अधिकारी बताकर नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से लाखो की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को ज्वालापुर और रानीपुर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अभी भी आरोपी के तीन साथी फरार हैं।

आरोपी गैंग बनाकर नौकरी का झांसा देकर लोगों से लाखो रु की रकम ठगा करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि एक युवती को शादी का झांसा देकर नौकरी लगाने के नाम पर प्लाट और कार की हड़प ली थी। जिस पर पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, क्षेत्र की खन्नानगर कालोनी निवासी युवती ने अपने पड़ोसी निहार कर्णवाल के खिलाफ कोतवाली ज्वालापुर में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उसने खुद को ऊधमसिंहनगर का जिलाधिकारी बताते हुए पीडब्ल्यूडी में निरीक्षण अधिकारी के पद पर नौकरी दिलवाने का दावा करते हुए उसकी मां से डेढ़ लाख की रकम हड़प ली थी। आरोप है कि उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी कार से घूमने वाले आरोपी ने बाद में एसडीएम के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 70 लाख की मांग की थी।

उसके बाद उसके भाई का मकान महिला मैमकिला निवासी फेरुपुर पथरी के नाम कराकर रकम हड़प ली। पुलिस के अनुसार, मामले में निशांत कुमार गुप्ता निवासी आदर्श नगर और मैमकिला का बेटा निखिल बेनीवाल भी शामिल थे। नौकरी न लगने पर रकम वापस मांगने पर हत्या की धमकी दी गई। एस एस पी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि आरोपी खुद को डीएम बताकर बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ठग रहा था। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।