ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ​ने की केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से भेंट,उठाई यह मांग

नई दिल्ली, 7 अगस्त 2023 उत्तराखण्ड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आज 7 अगस्त को केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरीराज…

Rural Development Minister Ganesh Joshi met Union Rural Development Minister Giriraj Singh, raised this demand

नई दिल्ली, 7 अगस्त 2023

उत्तराखण्ड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आज 7 अगस्त को केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरीराज सिंह से शिष्टाचार भेंट कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।


आज उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह के आवास में पहुंचे और उनकी कुशलक्षेम जानी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात में प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए 150 से 249 तक के बसावट वाले गांवों को पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत लिए जाने की मांग की।उन्होंने उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 26 हजार आवास आवंटित करने तथा प्रदेश में 827 किलोमीटर लम्बाई वाली रुपये 685 करोड़ की लागत से बनने वाली 83 सड़कों को अतिशीघ्र स्वीकृति देने की मांग की।


उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से कहा कि बताया कि पीएमजीएसवाई-1 के मानको में जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार 250 जनसंख्या से अधिक की बसावटों वाले गांवो को सड़कों से जोड़े जाने का प्रावधान है। कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2000 में 250 से अधिक जनसंख्या की कुल 2658 पात्र बसावट वाले गांवो को सड़को से जोड़ा जाना था,इनमें से से 778 को राज्य मद में अन्य विभागों द्वारा सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है। वही 1866 बसावट वालें गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष अब त​क 1840 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है। शेष 26 को माह दिसम्बर 2023 तक जोड़े जाने का लक्ष्य है।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार कोर नेटवर्क में 150 से 249 तक जनसंख्या की 2726 बसावटों में से 2319 बसावटें संयोजित हैं और 407 बसावटें असंयोजित हैं, जिससे यहां निवासरत ग्रामीणों को सभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य एक आपदाग्रस्त क्षेत्र है, जहां निरन्तर आपदायें आती रहती है। आपदा के दौरान ग्रामीणों को सुरक्षात्मक, चिकित्सा एवं अन्य सुविधायें पंहुचाने में अत्यन्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिस कारण ग्रामीणों को तत्काल सुविधायें उपलब्ध नही करायी जा पाती। यदि भारत सरकार इन 407 असंयोजित बसावटों के संयोजन हेतु अनुमति प्रदान की जाती है, तो इन बसावटों में निवास करने वाले राज्य के ग्रामीणों को सड़क सम्पर्क की सुविधा मिलेगी और ग्रामीणों को यातायात, कृषि, व्यवसाय इत्यादि का पूर्ण लाभ मिल सकेगा तथा आपदा के समय में भी ग्रामीणों को प्रत्येक सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी।

इसके अतिरिक्त राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए भी इन प्रश्नगत बसावटों का संयोजन नितान्त आवश्यक है। प्राथमिक गणना के अनुसार इन असंयोजित बसावटों के संयोजन हेतु लगभग 3200 किमी0 लम्बाई मार्ग निर्माण हेतु अनुमानित लागत रू0 2900 करोड़ की आवश्यकता होगी। यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य की 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें भी संयोजन हेतु शेष होगी, जिस हेतु लगभग 14300 किमी0 लम्बाई मार्ग निर्माण करने हेतु अनुमानित लागत रू0 12900 करोड़ की आवश्यकता होगी।


प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत उत्तराखण्ड को आवंटित कुल 73 हजार आवासों में से 46 हजार आवंटित हुए थे, जिसमें 35 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और अन्य पर कार्य चल रहा है। मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री का आभार जताया कि राज्य को सभी 46 हजार आवासों की धनराशि प्राप्त हो गयी है और अनुरोध किया कि प्रदेश को 26 हजार आवास अतिशीघ्र आवंटित किये जाए।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरीराज सिंह ने ग्राम्य विकास मंत्री जोशी को भरोसा दिलाया कि जल्द ही उत्तराखण्ड को 15 हजार आवास आवंटित किये जाऐंगे। उन्होंने पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 83 सड़कों के लिए भी धनराशि जारी करने पर भी सहमति दी।