ताकुला व ताड़ीखेत में महिलाएं(Women) चला रही है पावर ट्रिलर,खेत जोतने को दूसरों पर निर्भता हुई खत्म

Women are running power tillers in Takula and Tadikhet, ending dependence on others for plowing the fields अल्मोड़ा— अल्मोड़ा जनपद के ताकुला विकास खण्ड में…

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Women are running power tillers in Takula and Tadikhet, ending dependence on others for plowing the fields

अल्मोड़ा— अल्मोड़ा जनपद के ताकुला विकास खण्ड में महिलाओं(Women) ने कृषि कार्य में एक कदम और आगे बढ़ाया है।

फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से कृषि उपकरण प्राप्त करने वाली महिलाएं(Women) और खुद इन मशीनों का संचालन कर रही हैं। इससे खेती की लागत और श्रम के कम होने की संभावना बन रही है।


नारी शक्ति स्वायत्त सहकारिता बसौली, एवं ताड़ीखेत विकासखण्ड की नारी शक्ति स्वायत्त सहकारिता चौकुनी को 10 लाख रूपये प्रति लागत के दो फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध करवाये गये हैं।
इस धनराशि का 80 प्रतिशत धनराशि को सरकार द्वारा अनुदान स्वरूप संबंधित समूह/सहकारिताओं को प्रदान किया गया है। सहकारिताओं को उपलब्ध करवाये गये फार्म मशीनरी बैंक के अन्तर्गत घास काटने की मशीन गेहूँ पिसाई, पावर टिलर एवं सिंचाई पम्प आदि शामिल हैं।
जिला परियोजना प्रबन्धक ग्रामीण वेग वृद्वि योजना (रीप) राजेश मठपाल ने बताया कि इस हेतु परियोजना के जिला परियोजना प्रबन्धक एवं अन्य स्टाफ द्वारा सहकारिता सदस्यों के साथ आयोजित बैठक के दौरान उनके साथ विस्तृत चर्चा भी की जाती है। इसके पश्चात् महिला सदस्यों(Women) को यह स्पष्ट रूप से बताया जाता है कि संबंधित फर्म द्वारा उनको समस्त मशीनों के संबंध में प्रदर्शन के माध्यम से जानकारी प्रदान की जायेगी।
उन्होंने बताया कि फरवरी माह में कृषि विभाग के साथ अनुबंधित फर्म के विषय विशेषज्ञों द्वारा सहकारिता की महिला सदस्यों(Women) एवं इच्छुक पुरूषों को को कृषि संबंधी यत्रों के संचालन के संबंध में प्रदर्शन के माध्यम से जानकारी प्रदान की गयी। पावर टिलर के माध्यम से एक बंजर खेत कीे कुछ मिनट के अन्दर ही जुताई प्रक्रिया को देखने के पश्चात् महिलाओं (Women) को इस बात का सुकून प्राप्त हुआ कि भविष्य में उन्हें अपने खेतों की जुताई के लिए किसी खेत जोतने वाले पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, वरन् अपनी सुविधा के अनुसार खेत की जुताई को स्वयं भी कर सकेंगी।
मठपाल ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि के सहयोग से संचालित ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत सहकारिताओं/समूहों के माध्यम से ग्रामीण कास्तकारों के हित में सरकारी योजनाओं के द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इन प्रयासों के अन्तर्गत उत्तराखण्ड सरकार के कृषि विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना’ के अन्तर्गत सहकारिताओं को फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सहकारिता को उपलब्ध करवाये गये यह कृषि यंत्र पर्वतीय परिवेश के अनुकूल होने के साथ ही श्रम में लगने वाले घण्टों में कमी ला रहे हैं। इन कृषि यंत्रों को एक या दो व्यक्ति स्वयं से एक खेत से दूसरे या ग्राम के रास्तों में आसानी से ले जा सकते हैं। घास काटने वाली मशीन प्राप्त होने से घास काटने में लगने वाला श्रम एवं समय में कमी आ रही है। विभिन्न प्रकार की उपजों की पिसाई करने हेतु उपलब्ध करवायी गयी मशीन में चना, सोयाबीन, मडुवा, मल्टी ग्रेन आटा, मसाला पीसने की व्यवस्था है। खेतों में नजदीकी जल स्रोतों से सिंचाई सुविधा प्राप्त करने हेतु सिंचाई पम्प भी उपलब्ध करवाया गया है। ग्रामीण उद्यम वेग वृद्वि परियोजना द्वारा इस योजना से सरकारी विभाग के साथ सामन्जस्य के माध्यम से सरकार की योजना को काश्तकारों तक पहुँचाने में बेहतर भूमिका निभायी है।
उन्होंने बताया कि इच्छुक स्वयं सहायता समूह +917579050292 नंबर पर संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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ताकुला व ताड़ीखेत में महिलाएं(Women) चला रही है पावर ट्रिलर,खेत जोतने को दूसरों पर निर्भता हुई खत्म