नये उत्साह और संकल्पों के साथ संपन्न हुआ कुमाउंनी भाषा सम्मेलन

दो दिवसीय आयोजन में प्रदेश भर से लोगों ने की शिरकत पिथौरागढ़। जिला पंचायत सभागार पिथौरागढ़ में ‘आदलि कुशलि’ कुमाउंनी मासिक पत्रिका के तत्वावधान में…

Kumaoni language conference concluded with new enthusiasm and resolutions

दो दिवसीय आयोजन में प्रदेश भर से लोगों ने की शिरकत

पिथौरागढ़। जिला पंचायत सभागार पिथौरागढ़ में ‘आदलि कुशलि’ कुमाउंनी मासिक पत्रिका के तत्वावधान में कुमाउंनी भाषा सम्मेलन का बृहस्पतिवार को दूसरा और अंतिम दिन था, जिसमें तमाम लेखकों, विद्वजनों व साहित्यप्रेमियों ने भाग लिया। दो दिवसीय सम्मेलन कुमाउंनी भाषा और उसके साहित्यिक, सांस्कृतिक विकास को लेकर नये उत्साह और संकल्पों के साथ संपन्न हुआ।


सम्मेलन के दूसरे दिन नाद भेद गंधर्वालय संगीत संस्था के कलाकारों ने मधुर लोकगीत पेश किए। जमन सिंह बिष्ट ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुमाउंनी की महत्ता और विकास की संभावनाओं पर बात रखी। महेंद्र सिंह ठकुराठी ने कुमाउंनी भाषा के वर्गीकरण पर प्रकाश डाला। दिनेश भट्ट ने कुमाउंनी साहित्य पर विस्तारपूर्वक विचार रखे। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा व विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी ने सम्मेलन में भाषा के जानकारों, वक्ताओं व आयोजकों की हौसला अफजाई की।

पत्रिका की सम्पादक और कार्यक्रम संयोजक डॉ सरस्वती कोहली ने कहा कि कुमाउंनी को संविधान की आठवीं अनुसूची की मान्यता प्राप्त भाषाओं में स्थान दिलाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।शोध छात्र मुकेश कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया।


सम्मेलन में साहित्यकार कीर्तिबल्लभ शक्टा, डा० दीप चंद्र चौधरी, साहित्यकार मंजू पाण्डे, चंद्रप्रकाश फुलेरिया, कुमाउंनी कवि शंकर जोशी, चर्चित कवि महेश पुनेठा, भाव राग ताल नाट्य एकेडमी के निदेशक व कार्यक्रम के सह संयोजक रंगकर्मी कैलाश कुमार, सह संयोजक डॉ किशोर पंत, कवि जनार्दन उप्रेती, समाजसेवी प्रकाश जोशी , हेमराज मेहता, रंगकर्मी रोमी यादव, शिक्षिका मंजुला अवस्थी, किशोर पाटनी, कुमाउंनी लोरियों की लोकप्रिय पुस्तक घुघुती बासुती से चर्चा में आए हेम पन्त, कवि नीरज जोशी, समाज सेवी बबीता पुनेठा पंडरिया, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री महेंद्र सिंह लुंठी, अध्यक्ष व्यापार मंडल पवन जोशी, समाज सेवी राम सिंह, मुकेश कोहली, नेपाली भाषा के जानकार कर्णदयाल सोराड़ी, रीता कापड़ी, डा तारा सिंह, डा आशा जोशी, शिक्षिका मुन्नी पाण्डे, पूर्व सैनिक संगठन से मयूख भट्ट, बाल साहित्यकार ललित शौर्य, दीप्ति भट्ट, रेखा जोशी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।


अंतिम सत्र में नेपाल भारत अंतर्राष्ट्रीय एकता मंच के महेश बराल, नेपाली के जीत गहतराज ने कुमाउंनी पर नेपाली भाषा के प्रभाव पर व्याख्यान दिया। डा पीताम्बर अवस्थी ने सत्र की अध्यक्षता की। सत्र का संचालन विप्लव भट्ट ने किया। अंत में खुली परिचर्चा का आयोजन किया गया। साहित्यकारों, प्रतिभागियों व सम्मेलन में सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व पहले दिन सायंकालीन काव्यगोष्ठी में कुमाउंनी कवि शंकर जोशी, डा आनंदी जोशी, चिंतामणि जोशी, अनीता अनु, महेंद्र ठकुराठी, डा पीतांबर अवस्थी, मंजू उदिता आदि कवियों ने काव्य पाठ किया।