जनमंच पिथौरागढ़ का आरोप – भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी आंवला घाट और घाट पेयजल योजना

पिथौरागढ़। जनमंच पिथौरागढ़ ने आंवला घाट तथा घाट पेयजल पंपिंग योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जनमंच के संयोजक भगवान रावत, सह संयोजक और…

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पिथौरागढ़। जनमंच पिथौरागढ़ ने आंवला घाट तथा घाट पेयजल पंपिंग योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जनमंच के संयोजक भगवान रावत, सह संयोजक और पूर्व सभासद सुबोध बिष्ट व कोषाध्यक्ष मदन मोहन जोशी ने यहां जारी एक बयान में यह आरोप लगाया।


जनमंच पदाधिकारियों का कहना है कि आल वैदर रोड निर्माण के दौरान घाट पेयजल पंपिंग योजना की मुख्य लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, जिसमें एनएच द्वारा जल संस्थान को करोड़ों रुपए की धनराशि का भुगतान किया गया। धनराशि मिलने के बाद विभाग ने क्षतिग्रस्त मुख्य पेयजल लाइन को बदला।


जनमंच का कहना है ऑल वैदर रोड से पूर्व घाट पंपिंग योजना से पिथौरागढ़ नगर क्षेत्र को प्रतिदिन 3 एमएलडी पेयजल आपूर्ति की जाती थी, परंतु नई पाइप लाइन बिछाए जाने के बाद प्रतिदिन 2.5 एमएलडी पेयजल आपूर्ति की जा रही है, जबकि पेयजल लाइन कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिसकी जांच के लिए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी को दिसंबर 2022 में एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे।


जनमंच के अनुसार कमेटी द्वारा 6 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद कोई भी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित नहीं की गई है। इसके अलावा पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी ने आंवला घाट पेयजल पंपिंग योजना की जांच की थी, जिसमें कई अनियमितताओं की पुष्टि की गई। यही नहीं तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस संबंध में संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों को कार्यवाही के लिए जांच रिपोर्ट प्रेषित की थी।
जनमंच का आरोप है कि इसके बावजूद विभाग द्वारा जांच में लीपापोती की गई है। आंवला घाट योजना में तत्कालीन और वर्तमान अधिशासी अभियंता द्वारा योजना की जांच के संबंध में संबंधित ठेकेदार की ओर से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने की पुष्टि की थी, जिसकी शिकायत अधिशासी अभियंता ने उच्चाधिकारियों को की।


जनमंच का आरोप है कि उच्चाधिकारियों ने संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही के स्थान पर उसे आगे भी कार्य करने दिया, जिसका खामियाजा पिथौरागढ़ की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यही नहीं आंवला घाट पेयजल योजना नगर क्षेत्र के लिए बनाई गई थी, लेकिन विभाग की मिलीभगत के चलते योजना को जल जीवन मिशन के साथ जोड़ दिया गया है, जो सरासर आम जनता के साथ खिलवाड़ है।