लंपी रोग से पिथौरागढ़ में 15 पशुओं ने तोड़ दिया दम, भारत सरकार की टीम पहुंची पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ में लंपी त्वचा रोग के कारण 15 पशुओं ने दम तोड़ दिया है। इससे बचाव के लिए सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में अभी तक 55…

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पिथौरागढ़ में लंपी त्वचा रोग के कारण 15 पशुओं ने दम तोड़ दिया है। इससे बचाव के लिए सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में अभी तक 55 हजार पशुओं का टीकाकरण हुआ है, लेकिन 15 पशुओं की मौत हो चुकी है।


पशुओं में फैले लंपी रोग की जांच करने और इसके कारणों का पता लगाने के लिए उसके कारणों का पता लगाने के लिए भारत सरकार की एक टीम बीते बुधवार की शाम यहां पहुंची। टीम में शामिल पशुपालन मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर क्षेत्र विजय तेवतिया ने बताया कि पशुओं में यह बीमारी नेपाल से फैली है।


तेवतिया ने कहा कि ऐसे में इस बीमारी की रोकथाम के लिए राजस्व विभाग का सहयोग लेकर नेपाल सीमा से लगे पांच किलोमीटर के दायरे में प्रतिवर्ष पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ जिले में अब तक लंपी रोग से 15 पशुओं की मौत हुई है और 2399 पशु इस रोग से संक्रमित हैं, जिनमें से 1910 पशुओं का इलाज किया जा चुका है और। विभिन्न जगहों पर सक्रिय केस की संख्या 474 है। उन्होंने बताया कि रोग से बचाव के लिए 55 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में बनी गोशालाओं को भी मानक के अनुरूप नहीं बताया।


बुधवार देर शाम पिथौरागढ़ पशुपालन विभाग में हुई बैठक में डिप्टी सीवीओ डॉ पंकज जोशी ने टीम को प्रजेंटेशन के जरिए पशुओं में फैली बीमारी और रोकथाम के लिए किए प्रयासों की जानकारी दी। क्षेत्रीय अधिकारी तेवतिया ने पशु चिकित्सकों को बीमारी के प्रति अलर्ट रहने के निर्देश दिए। टीम में प्रधान वैज्ञानिक आईसीएआर बंगलुरु के डॉ मंजूनाथ रेड्डी, पशुलोक ऋषीकेश से वैटनरी आफिसर मनोज गोला आदि शामिल हैं। इधर बृहस्पतिवार की सुबह केंद्र सरकार की टीम मुनस्यारी के लिए रवाना हुई, जहां बीमार पशुओं के सैंपल लेकर पशुपालकों से बात की जाएगी। उसके बाद टीम के बागेश्वर के लिए रवाना होने की बात बतायी जा रही है।