अल्मोड़ा के स्यूनराकोट में मनाई गई प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पन्त (Sumitranandan Pant)की 124 वीं जयन्ती

124th birth anniversary of poet Sumitranandan Pant celebrated in Syunarakot, Almora अल्मोड़ा, 20 मई 2023 – प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant)की 124…

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124th birth anniversary of poet Sumitranandan Pant celebrated in Syunarakot, Almora

अल्मोड़ा, 20 मई 2023 – प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant)की 124 वीं जयंती उनके पैतृक गांव स्यूनराकोट में आयोजित की गई।

Sumitranandan Pant
अल्मोड़ा के स्यूनराकोट में मनाई गई प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पन्त (Sumitranandan Pant)की 124 वीं जयन्ती


इस कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख बबिता भाकुनी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। ब्लॉक प्रमुख बबिता भाकुनी ने समारोह की सफलता की कामना करते हुए है हर वर्ष इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त की और शौचालय के लिए डेढ़ लाख रुपए देने की घोषणा की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता लाल सिंह स्यूनरी ने की।
विशिष्ट अतिथि त्रिभुवन गिरी महाराज, पीसी तिवारी,ग्राम प्रधान गीता देवी ,अमन संस्था के संस्थापक रघु तिवारी,सुमित्रानंदन पंत के बिरादरों में विपिन चंद्र पंत, ललित प्रसाद पंत,अवधेश पंत, चंद्रशेखर पंत, पंकज पंत,ग्राम सभा कासून के ग्राम प्रधान सुंदर सिंह मटियानी,संजय सिंह स्यूनरी,राकेश पंत सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आगाज़ कवि कंचन तिवारी और राजकीय इंटर कॉलेज कमलेश्वर की छात्राओं ने सुंदर वंदना से किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य नीरज पंत ने किया। Sumitranandan Pant के परिवार जन ललित मोहन पंत ने पंत जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया।  लोकगायिका श्रीमती लता पांडे ने पंत जी की एक सुंदर रचना “मैं मुट्ठी भर भर बांट सकूं तथा प्रसिद्ध गीत ‘ स्वर्ग तारा जुन्याली राता ‘ को मधुर स्वर में प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद अमन संस्था के निदेशक रघु तिवारी ने Sumitranandan Pant को याद करते हुए कहा कि आज के इंटरनेट के वातावरण में पंत आज भी प्रासंगिक हैं ये गर्व की बात है।
इसके बाद मुख्य वक्ता कवयित्री मीनू जोशी ने सुमित्रानंदन पंत के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तृत व्याख्यान दिया और स्वरचित गीत ‘प्रकृति के सुकुमार तुम फिर से पधारो’ प्रस्तुत किया। जाने माने लोकगायक दीवान कनवाल ने सुमित्रानंदन पन्त जी की एकमात्र कुमाऊनी कविता ‘ सार जंगव में तवे जै कोई नेहें कोई नेहें’ को स्वरबद्ध कर मधुर स्वर में प्रस्तुत किया सभी श्रोता भावविभोर हो गए।
लोकगायिका शीला पंत ने दो सुंदर गीत प्रस्तुत किए जिनमें एक न्यौली और एक लोकगीत प्रस्तुत किए। आप पार्टी के शमशेर आर्यन ने सुंदर कुमाऊनी गीत सुनाया। इसके वीना चतुर्वेदी,आनंद सिंह बिष्ट, प्रफुल्ल पंत ,नीरज पंत (राज्य आंदोलनकारी),कंचन तिवारी, अवधेश पंत,मोहन चंद्र पंत, विपिन चंद्र पंत ने सभा को संबोधित किया। Sumitranandan Pant के नाती सुधांशु पंत ने दिल्ली से अपना आशिर्वाद व सहयोग प्रदान किया।

कार्यक्रम में भोजन और सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था शिक्षिका पूनम पंत ने की । प्रसिद्ध साहित्यकार और रंगकर्मी त्रिभुवन गिरि महाराज ने बच्चों को संबोधित कर ‘ भारत कपाव में  हिंदी चन्दन, सुमित्रानंदन, सुमित्रानंदन, सुमित्रानंदन।’ इस विषय पर बच्चों से रचनाएं लिखने को कहा।
पीसी तिवारी ने अपनी जमीन और जंगल से जुड़कर समाज को एक नई दिशा देने के लिए सभी से अपील की। हयात सिंह रावत ने सभी से कुमाऊनी बोलकर अपनी संस्कृत और सभ्यता को बचाने का आह्वान किया।
सभा को अवधेश प्रसाद पंत, नीरज पंत,विपिन चंद्र पंत ने भी संबोधित किया।संस्था के सचिव आनंद सिंह डंगवाल पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख ने सभी का आभार प्रकट किया और अध्यक्ष लाल सिंह स्यूनरी ने कार्यक्रम का समापन किया।