योग शिक्षा की राष्ट्रीय कार्यशाला करेगी वै​कल्पिक चिकित्सापद्धति पर जागरुक अल्मोड़ा में शुरू हुई 10 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

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अल्मोड़ा। एसएसजे परिसर द्वारा अल्मोड़ा में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का चिकित्सकीय अनुप्रयोग विषय पर योग विभाग की 10 दिवसीय कार्यशाला शुरू हो गई है। कार्यशाला का उद्घाटन अतिथि प्रताप जी क्षेत्रीय संगठन मंत्री, शिक्षा भारती, कुलपति उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय, प्रो0 एच0 एस0 धामी , अतिथि प्रो0 देवसिंह पोखरिया (पूर्व समन्वयक, योग शिक्षा विभाग व निदेशक, महादेवी वर्मा सृजन पीठ, रामगढ़), प्रो0 एस0 ए0 हामिद (संकायाध्यक्ष, कला), डाॅ0 देवेन्द्र सिंह बिष्ट (कुलानुशासक), कार्यशाला संयोजक व विभागाध्यक्ष योग शिक्षा विभाग डाॅ0 नवीन भट्ट, अध्यक्षता प्रो0 आर0 एस0 पथनी ( परिसर निदेशक), प्रो0 वी0 डी0 एस0 नेगी (विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग), छात्रसंघ अध्यक्ष राजन जोशी ने भारत-माता के चित्र समक्ष द्वीप प्रज्जवलित, पुष्पार्पण कर उद्घाटन किया।
उसके पश्चात योग शिक्षा विभाग की छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत करते हुए शाॅल तथा स्मृति चिन्ह भेंट की। उन्होंने स्वागत गीत, सरस्वती वंदन व कुलगीत का गायन भी किया। कार्यशाला के संयोजक डाॅ0 नवीन भट्ट ने रूपरेखा रखते हुए कहा कि योग शिक्षा विभाग भारत वर्ष में परचम लहराने के लिए प्रयास कर रहा है। यह विभाग सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए नशा मुक्ति, स्वच्छता, रक्तदान, जागरूकता के कार्यक्रमों में सहभागी हो रहा है। लाखों की संख्या में लोगों को प्रेरित किया जा रहा है तथा सैकड़ों की संख्या में योग शिक्षकों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य है कि वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों द्वारा शरीर के रोगों का बचाव कैसे किया जाये तथा योग के प्रति लोगों में उत्साह कैसे बढ़ाया जा सके। इन सभी पर उन्होंने अपनी बात रखी।डाॅ0 देवेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि जीवन की आपाधापी में शरीर और मन पर हमारा नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इसलिए योग को जीवन में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने योग शिक्षा विभाग तथा डाॅ0 नवीन भट्ट व उनके सभी सहयोगियों के कार्यों की सराहना की।प्रो0 वी0 डी0 एस0 नेगी ने कहा कि अभिभावक व शिक्षक छात्रों को उनके बेहतर भविष्य निर्माण के लिए डाॅटते हैं। तब जाकर वह बच्चा संस्कारी होता है और देश के भविष्य के रूप में स्थापित होता है। हमें डाॅट योग की भी आवश्यकता है। इसी से हम अपने पर नियंत्रण कर सकते हैं। प्रो0 देवसिंह पोखरिया ने कहा कि डाॅ0 नवीन भट्ट के नेतृत्व में योग शिक्षा विभाग वैश्विक पहचान बनायेगा। आने वाले समय में यह विभाग बहुत उचाईयांे को छू सकेगा तथा योग के प्रचार प्रसार के लिए बेहतर काम करेगा। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ्य बनाने के लिए योग की आवश्यकता है। हमें इन कार्यशालाओं से सैद्धांतिक व प्रायोगिक ज्ञान लेने की आवश्यकता है। अतिथि प्रो0 एस0 ए0 हामिद ने कहा कि विश्व की अन्य संस्कृतियां विलुप्त हो गयी हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति आज भी यथावत है। भारतीय संस्कृति मंे ही विश्वबंधुत्व, एकता, अखंडता का भाव निहित है। योग भी भारतीय संस्कृति का अंग है। इसको अपनाने की जरूरत है। उन्होंने योग शिक्षा विभाग के प्रयासो की सराहना की। अतिथि प्रताप जी ने भारतीय संस्कृति की बात रखते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीन परम्परा है। इसमें संस्कारों को पैदा करने में योग महत्वपूर्ण है। योग अभ्यास से ही हम चित्त को साध सकते हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष राजन जोशी ने युवाओं को योग करने की आवश्यकता है। योग शिक्षा विभाग इस दिशा में बेहतर काम कर रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो0 एच0 एस0 धामी ने कहा कि सभी प्रकार की वैकल्पिक चिकित्स पद्धतियों में समग्र चिकित्सा पद्धति की बात की जानी चाहिए। समग्र चिकित्सा पद्धति अर्थात मन, बुद्धि और आत्मा के बल पर अन्तिम यथार्थ को प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि योग हमारे भारत की पांच हजार साल पुरानी धरोहर है। योग में ही वैश्विक विकास की संकल्पना है। योग हमें वास्तविक तत्वों की ओर ले जाती है। इसलिए योग व परम्परागत ज्ञान को अपनाने की आवश्यकता है। उद्घाटन अवसर की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 आर0 एस0 पथनी ने कहा कि योग विश्वसनीय व्यक्ति को जन्म देता है। हमें विश्वासपात्र बनाने के लिए योग की जरूरत है। योग सागर है, जिसमें से हम अपने अनुसार अच्छी चीजों को ग्रहण करते हैं। हमें मन को वश में करना सीखना चाहिए। इसके लिए योग की आवश्यकता है। योग मन के साथ-साथ विवेक को भी पैदा करता है। उन्होंने कार्यशाला से सीखने की बात कही। इस अवसर पर डाॅ0 नवीन भट्ट की पुस्तक पातंजलि योग दर्शन व डाॅ0 नितिन दोमणि की दो पुस्तक ‘हठयोग‘ व ‘योग में शिक्षण विधियां‘ का लोकार्पण मंचाशीन अतिथियों ने किया। कार्यशाला का आभार डाॅ0 नवीन भट्ट ने तथा संचालन डाॅ0 प्रेम प्रकाश पाण्डे ने किया। इस कार्यशाला में काशीपुर, नैनीताल, रूद्रपुर, खटीमा, गुरूकुल कांगड़ी आदि से छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर डाॅ0 तेजपाल सिंह, डाॅ0 अरशद हुसैन, डाॅ0 लल्लन कुमार सिंह, हेमलता अवस्थी, डाॅ0 ललित चंद्र जोशी, डाॅ0 अरविंद यादव, पवन जोशी, संदीप सिंह नयाल, गिरीश अधिकारी,, डाॅ0 सुशील भट्ट, डाॅ0 जितेन्द्र प्रकाश त्यागी, प्रो0 ए0के0नवीन, डाॅ0 दीप्ति आर्या, डाॅ0 आशा राणा,, डाॅ0 पुष्पा वर्मा, डाॅ0. नितिन दोमणि, मनोज गोस्वामी, चंदन, सुमित चैधरी, अखिलेश मिश्रा, डाॅ0 हरीश जोशी, पूनम पाण्डे, भावना कबडवाल, गीता पांडे, दिनेश्वरी, अर्चना, आदि शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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