सीएम धामी ने आदर्श चंपावत को लेकर दिए यह निर्देश

विगत दिवस चंपावत पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आदर्श चम्पावत को लेकर आयोजित बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीएम धामी की…

CM Dhami gave these instructions regarding Adarsh ​​Champawat

विगत दिवस चंपावत पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आदर्श चम्पावत को लेकर आयोजित बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीएम धामी की अध्यक्षता में आयोजित कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में आदर्श चम्पावत की नोडल एजेंसी उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के साथ विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के संस्थान, एजेंसियों व रेखीय विभागों के अधिकारियों व वैज्ञानिकों ने भाग लिया।


बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है और पीमए के इस परिकल्पना को पूरा करने और सभी हिमालयी राज्यों में उत्तराखण्ड को एक मॉडल के रूप में विकसित करना है। कहा कि हम सभी अगर प्रयास करें तो हम जनपद चंपावत को एक मॉडल जिला बनाने में सफल होंगे। कहा कि यह योजना लक्ष्य तक पहुंचे यह सभी की जिम्मेदारी है। सीएम धामी ने कहा कि आत्मनिर्भर और आदर्श उत्तराखण्ड तभी बना सकता है जब राज्य का हर जिला और हर गांव आदर्श होगा।


सीएम धामी ने कहा कि यह सपना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस दौर में शोध, अनुसंधान और नवाचार के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है। कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहता है कि अगर कोई नीति बनायें उसमें पूरे समाज और हर विभाग के हर वर्ग के विचारों और आवश्यकताओं का समावेश किया जाए।


मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि विभिन्न संस्थानों के विषय विशेषज्ञ विज्ञान और तकनीक की मदद से क्षेत्र विशेष की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं विकसित करेंगे तभी विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। कहा कि चम्पावत जनपद में किसान दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, औषधीय एवं सुगंधीत पौधो की खेती फल उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मधु उत्पादन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम कर आजीविका अर्जित कर रहे है। कहा कि इसे आगे बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा कि चंपावत जिला नदियों,वनों धार्मिक स्थलों व प्राकृतिक रूप से आच्छादित है और यहां जो संभावनाएं हैं उसे सजोते हुए एक मॉडल के रूप में उन्हें विकसित किया जाना चाहिए। कहा कि यह जिला मॉडल जिला बने इस हेतु सभी संस्थान मिलकर कार्य करें।


सीएम धामी ने कहा कि जिले के माँ पूर्णागिरि धाम में लाखों दर्शनार्थी धार्मिक पर्यटक के लिए आते हैं उन्हें 4 या 5 दिन तक जिले के अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों तक लाने के लिए जिलाधिकारी चंपावत द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है उस पर कार्य करने की जरूरत है।


सीएम धामी ने कहा कि जनपद में लोगों की आजीविका बढ़ाए जाने के लिए दुग्ध उत्पादन, कृषि बागवानी, सुगन्धित पौधों और फूलों की खेती, स्थानीय मसालों की खेती और विपणन,मार्केटिंग,होम स्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों का कौशल विकास प्रशिक्षण, पारम्परिक विरासत का संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में इनका सदुपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सांस्कृतिक विरासत मानचित्रण, टेली मेडिसिन, टेली एजुकेशन टेली कम्युनिकेशन पर तकनीकी सहायता तथा प्रशिक्षण आदि पर विशिष्ट कार्ययोजनएं तैयार की जा सकती हैं।

सीएम धामी ने कहा कि हर क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनायें हैं। कहा कि मछली पालन के लिए विकसित तकनीक स्थापित करना, फिश एंगलिंग के जरिये पर्यटन के क्षेत्र में जनपद को वैश्विक मानचित्र पर पहचान दिलाना, मत्स्य विकास योजना और पशुपालन के क्षेत्र में पशुधन, बकरी और मुर्गी पालन में और अधिक काम करने की जरूरत है।


मुख्यमंत्री ने चम्पावत के जिलाधिकारी के प्रयाासों की सराहना करते हुए हुए कहा कि वह चंपावत जिले के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजते जा रहे हैं और वह भी इन प्रस्तावों को तेजी से स्वीकृति दिलवा रहे है। कहा कि यूकॉस्ट भी कई काम करवा रही है जिसमें लैब ऑन व्हील्स के अन्तर्गत चम्पावत जिले में मोबाइल वैन का प्रदर्शन किया जा रहा है। लैब ऑन व्हील्स के प्रोग्राम में विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से रूबरू कराया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मोबाइल वैन के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा होगी और साथ ही जनपद शिक्षा में सुधार होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 3 महीने में आदर्श चंपावत को लेकर आयोजित बैठक में वह खुद भाग लेगें। कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी हर महीने इसकी समीक्षा करेंगे। जाएगी
बैठक में सांसद अजय टम्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर चंपावत जनपद को आदर्श जनपद बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जिले की यह परिकल्पना की गई है आने वाले समय में चंपावत जनपद ही नहीं उत्तराखंड राज्य एक श्रेष्ठ राज्य बनेगा।


इस अवसर पर हेस्को संस्था की ओर से आए पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि चंपावत जिले को मॉडल जिले के रूप में विकसित करने का निर्णय हिमालय के संरक्षण के लिए एक बेहतर सोच है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के लोग अपनी आर्थिकी हेतु अपने संसाधनों पर निर्भर रहते हैं। जल, जंगल और जमीन से हमारी आर्थिकी होती है। कहा कि मुख्यमंत्री सराहनीय कार्य कर रहे है और इसे आगे बढ़ाना सभी का दायित्व है।


जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने आदर्श चंपावत को लेकर जिले में किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि चंपावत जिले में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। पर्यटन विकास के क्षेत्र में जहां एक और मल्टी स्टोरी पार्किंग बन रही है वही पर्यटन स्थलों तक लोगो की पहुंच के लिए उन्हें विकसित,सुगम किया जा रहा है। ट्रैकिंग मार्गो का निर्माण किया जाा रहा है वही यहां के पुरातत्व एवं पुरानी शैली में निर्मित भवनों के संरक्षण के साथ ही 100 पौराणिक नोलो का जीर्णोद्धार जैसे कई कार्य किए जा रहे हैं।


बैठक में उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ने यूकॉस्ट द्वारा आदर्श जनपद हेतु किए जा रहे कार्यों, प्रस्तावित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि जिले के विकास हेतु इसरो द्वारा डैशबोर्ड तैयार किया गया है। उन्होने इसरो से आए हुए वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया।


इस अवसर पर अनेक विषयों के विषय विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, विभागों से आए वरिष्ठ अधिकारियों ने चंपावत जनपद को आदर्श चंपावत बनाने के बारे में अपनी बात रखी।


जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय (पी0 एस0 ए0) भारत सरकार के प्रतिनिधि संदीप पाटिल, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ,पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा,इसरो के वैज्ञानिक हरीश कर्नाटक, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के पंकज, सेवायोजन निदेशक हरबीर सिंह,भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व निदेशक गोपाल रावत सहित विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानो आईआईपी, आईआईआरएस, मृदा एवं जल संरक्षण, सीएसआईआर, सीमैप से आये हुये विशेषज्ञ,अधिकारी सहित उत्तराखण्ड सरकार के विभिन्न रेखीय विभागों से आये वैज्ञानिक और अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।