यूजीसी ने दिया आदेश, स्नातक छात्रों को पांच लोग करने होंगे साक्षर

अल्मोड़ा। देशभर में नई शिक्षा नीति लागू की गई है जिससे शिक्षा व्यवस्था में अनेक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में विश्वविद्यालय…

University Grants Commission (UGC) took a tough stand

अल्मोड़ा। देशभर में नई शिक्षा नीति लागू की गई है जिससे शिक्षा व्यवस्था में अनेक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचायों को एक पत्र जारी करते हुए कहा गया है

कि विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज से बीए, बीएससी या बीकॉम (स्नातक) करने वाले विद्यार्थियों को अगले शैक्षिक सत्र से पांच वयस्कों को साक्षर बनाना अनिवार्य होगा। उन्हें यह कार्य असाइनमेंट या प्रोजेक्ट वर्क के तौर पर करना होगा।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन के अनुसार नई शिक्षा नीति 2020- के तहत प्रौढ़ शिक्षा पर न्यू इंडिया लिट्रेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी)’ लागू किया जाएगा। 100% साक्षरता का लक्ष्य हासिल करने के लिए इस प्रोग्राम से कॉलेज और विधि को जोड़ा जा रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों को शिक्षण और अनुसंधान के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना होगा।

नई शिक्षा नीति में सभी विश्वविद्यालय जिनके पास विभाग/प्रौढ़ शिक्षा केंद्र सतत शिक्षा की सुविधा है, उनके स्नातक स्तर के छात्रों को प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में कम से कम पांच या उससे अधिक निरक्षरों को अनिवार्य रूप से पढ़ाना होगा। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विधि स्तर से प्रमाणपत्र जारी करने का प्रावधान भी किया जा सकता है।