जोशीमठ त्रासदी को लेकर उठाए सवाल, छात्र युवाओं का प्रदर्शन,ज्ञापन सौंपा

पिथौरागढ़। जोशीमठ आपदा के प्रभावितों के पुनर्वास में तेजी लाने और इसके आलोक में पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं का पुनर्मूल्यांकन किए जाने की मांग…

Question on Joshimath tragedy, students protest

पिथौरागढ़। जोशीमठ आपदा के प्रभावितों के पुनर्वास में तेजी लाने और इसके आलोक में पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं का पुनर्मूल्यांकन किए जाने की मांग करते हुए छात्र युवाओं तथा विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शनकारी धरना प्रदर्शन स्थल से जिलाधिकारी कार्यालय तक आए और अन्य मांगें उठाते हुए इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।


जिलाधिकारी रीना जोशी के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि चमोली जनपद के जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण पूरे जोशीमठ नगर पर संकट छाया हुआ है। नगर के 800 से अधिक मकानों में दरार आ जाने से वहां एक भयानक त्रासदी की स्थिति है। वहां के रहवासी दशकों पुराने घरों और अपनी आजीविका को छोड़कर बेघर होने पर मजबूर हैं।


कहा कि जोशीमठ में घट रही त्रासदी पूरे राज्य के लिए एक सबक है कि हिमालय की पारिस्थितिकी से छेड़छाड़ की एक सीमा है। और उत्तराखंड के नीति नियंताओं ने जिस तथाकथित विकास के मॉडल को अपनाकर, विशेषज्ञ कमेटियों के सुझावों को नजरअन्दाज़ कर बहुत सी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, उसने आज हमारे राज्य को बहुत ही नाजुक मोड़ पर ला खड़ा किया। अगर हमने अपने इस ‘विकास के मॉडल पर पुनर्विचार नहीं किया तो शायद ऐसी बहुत सी आपदाओं, त्रासदियों की आशंका बलवती होती जाएगी।

प्रदर्शनकारियों ने जोशीमठ में राहत एवं बचाव कार्य में अधिकाधिक संसाधनों के आवंटन में अब किसी प्रकार की देरी न करने, मुआवजे की राशि बढ़ाने, उनके पुनर्वास व पुनस्थापन के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित कर समयबद्ध ढंग से ठोस नीति विकसित करने तथा इस समिति में अन्य विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं के साथ साथ प्रभावित क्षेत्र के लोगों, जोशीमठ संघर्ष समिति, राज्य के समाज विज्ञानियों को भी शामिल करने की मांग की गई है।

इसके अलावा जोशीमठ आपदा के आलोक में पिथौरागढ़ के नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र वाले दारमा, मुनस्यारी, झूलाघाट व अन्य क्षेत्रों में प्रस्तावित बड़े बांध, पनबिजली परियोजनाओं का जोखिम आकलन नए सिरे से किया करने और रिस्क असेसमेंट पूरा हो जाने तक इस तरह की सभी परियोजनाओं के भारी निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

प्रदर्शन में जनमंच सोर के संयोजक भगवान रावत, पिथौरागढ़ महाविद्यालय के पूर्व महेंद्र रावत, सामाजिक कार्यकर्ता हरेंद्र अवस्थी, प्रमेश नेसाल, अभिषेक, आशीष, दीपक, सोमेश, दिनेश व रजत सहित अनेक युवा शामिल थे।