मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को बोलने से रोक नहीं सकते: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा है कि मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की स्वतंत्रता पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते।…

Supreme Court rejected the petition of the dismissed employees of the Uttarakhand Legislative Assembly

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा है कि मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की स्वतंत्रता पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के लिए अनुच्छेद 19(2) के आधार संपूर्ण हैं। पांच जजों की संविधान पीठ में सिर्फ न्यायमूर्ति बीवी नागरत्नाने ने अलग फैसला दिया और घृणा फैलाने वाले भाषणों पर चिंता जताई।

उन्होंने कहा, अनुच्छेद 19 (1) (ए) व 21 के तहत मौलिक अधिकार संवैधानिक अदालतों में लागू नहीं हो सकते, लेकिन नागरिकों के लिए सामान्य कानून के तहत उपचार उपलब्ध है। संविधान पीठ ने कहा, मंत्री द्वारा दिए बयान को सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत को लागू करने के तहत सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।