नोटबंदी को लेकर सुप्रीमकोर्ट का फैसला सराहनीय- विनीत

Appreciable decision of Supreme Court regarding demonetisation अल्मोड़ा, 03 जनवरी 2023- भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला मंत्री व जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर विनीत…

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Appreciable decision of Supreme Court regarding demonetisation

अल्मोड़ा, 03 जनवरी 2023- भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला मंत्री व जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर विनीत बिष्ट ने नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न्यायालय का आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटबंदी को काले धन में प्रहार के रूप में देखा गया वह इससे देश को नकली नोटों के कारोबार से भी मुक्ति मिलने की ओर पहला कदम बताया ।
विनीत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में किए गए 500 और 1000 के नोटों को तत्काल प्रभाव से बंद करने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया और कहा कि इसमें पूर्ण प्रक्रियाएं अपनाई गई थी जो 1946 और 1978 में भी अपनाई गई थी।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा भ्रामक प्रचार किया गया था जिससे कई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा ।
लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को सही साबित कर दिया और एक बार सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर मोहर लगाई है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश हित में कोई भी फैसला लेने से नहीं चूकते और इस कारण ही पूरा देश नरेंद्र मोदी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है।


उन्होंने कहा कि नोट बंदी को लेकर विपक्ष द्वारा भ्रामक प्रचार प्रसार किए जाने पर आज विपक्ष के नेताओं को माफी मांगनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।
विनीत बिष्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को खारिज करते हुए ये फैसला सुनाया. जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने 4:1 के बहुमत से नोटबंदी के पक्ष में फैसला सुनाया।
बेंच ने कहा कि आर्थिक फैसलों को बदला नहीं जा सकता, सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के बहुमत से केंद्र सरकार के 2016 में नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया।
कहा कि कोर्ट ने माना कि केंद्र की 8 नवंबर, 2016 की अधिसूचना वैध है। उन्होंने कहा कि यह तीसरा मौका था। रिजर्व बैंक अकेले विमुद्रीकरण का फैसला नहीं कर सकता। इसलिए नोटबंदी जायज थी और देश हित में थी इसलिए इसे गलत नहीं ठहराया जा सकता और नोटबंदी के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।