विश्व मृदा दिवस आज- जानें मृदा की आवश्यकता और महत्व

अल्मोड़ा। प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) मनाया जाता है। आज मिट्टी के कटाव को कम करने, उर्वरता बनाए रखने…

Roadmap for plantation outside forests released

अल्मोड़ा। प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) मनाया जाता है। आज मिट्टी के कटाव को कम करने, उर्वरता बनाए रखने के लिए कदम उठाना जरूरी है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बताते चलें कि लगभग 45 साल पहले भारत में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी। मिट्टी जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भोजन, कपड़े, आश्रय और दवा समेत जीवन के चार प्रमुख साधनों का स्रोत है। इसके अलावा मिट्टी विभिन्न अनुपातों में खनिजों, कार्बनिक पदार्थों और वायु से बनी होती है। यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक पौधे के विकास के लिए माध्यम, कई कीड़ों और अन्य जीवों का घर है।

वर्ष 2002 में, अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने 5 दिसंबर को हर साल विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की थी। 05 दिसंबर को थाईलैंड के राजा एच. एम. भूमिबोल अदुल्यादेज का जन्म हुआ था, वह इस पहल के मुख्य समर्थकों में से एक थे। एफएओ ने थाईलैंड साम्राज्य के नेतृत्व में और वैश्विक मृदा भागीदारी के ढांचे के भीतर वैश्विक जागरूकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में विश्व मृदा दिवस की औपचारिक स्थापना का समर्थन किया था। दिसंबर 2013 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वें सत्र में 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में घोषित किया. पहला विश्व मृदा दिवस 5 2014 से मनाया गया था।

मृदा संरक्षण के लिए वनों की कटाई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। ढालू भूमि पर मेड़बंदी करके मिट्टी के कटाव को रोका जा सकता है, निर्माण एवं खनन आदि कामों में मिट्टी को कटाव से बचाने पर जोर दिया जाना जरूरी है। ढाल के विपरीत खेतों की जुताई करनी चाहिए। छत की खेती पर जोर देना चाहिए, यह मिट्टी को बह जाने से रोकने और क्यारियों में मिट्टी के पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए की जाती है। मिट्टी को पोषक तत्वों में मूल्यवान बनाने के लिए फसल चक्र तकनीक अपनाने को बढ़ाना मिलना चाहिए आदि।