महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने हटाए 100 से अधिक संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी

देहरादून। एक ओर उत्तराखंड की जनता बेरोजगारी और महंगाई से परेशान हैं वहीं दूसरी ओर विभिन्न माध्यमों से महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की…

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देहरादून। एक ओर उत्तराखंड की जनता बेरोजगारी और महंगाई से परेशान हैं वहीं दूसरी ओर विभिन्न माध्यमों से महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में कार्यरत संविदा, आउटसोर्स एवं अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं विभाग ने समाप्त कर दी है। विभाग के उप निदेशक एसके सिंह की ओर से इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से महिला सशक्तीकरण सुरक्षा व बचाव के लिए अंब्रेला मिशन शक्ति की शुरुआत की गई है। केंद्र की पहले से चल रही योजनाएं वन स्टॉप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हैल्पलाइन, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, सहित विभिन्न योजनाओं के लिए मानव संसाधन आउटसोर्स, संविदा एवं अन्य माध्यम से कार्यरत कार्यरत कर्मियों की सेवाएं 30 नवंबर 2022 तक ही मान्य होगी। इनकी इस तिथि के बाद सेवाएं नहीं ली जाएगी।

मामले पर सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से योजनाओं को नया रूप दिया गया है जिसके तहत नए सिरे से कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। वहीं हटाए गए कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आउटसोर्स कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। एक साजिश के तहत उन्हें हटाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से इस तरह के कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोई योजना 5 साल के लिए चलाई जाती है। जिसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इससे पहले ही उन्हें हटाया जा रहा है।