अल्मोड़ा: जल संरक्षण की जागरुकता मुहिम में चनौदा में विद्यार्थियों के साथ हुई बैठक, वन बचाने की एएनआर तकनीक की भी दी जानकारी

Almora: A meeting was held with the students in Chanoda in the awareness campaign of water conservation जंगलों को आग से बचाकर और जंगलों में…

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Almora: A meeting was held with the students in Chanoda in the awareness campaign of water conservation

जंगलों को आग से बचाकर और जंगलों में मानवीय हस्तक्षेप को कम कर सहायतित प्राकृतिक पुनरोत्पादन पद्धति ( एएनआर) से नये जंगल भी विकसित किए जा सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि जैसी समस्याओं से मुकाबला करने में बेहद मददगार साबित होंगे।

अल्मोड़ा, 24 नवंबर 2022—कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों, और धारों को संरक्षित, संवर्धित करने तथा कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने के क्रम में विद्यार्थियों के साथ चल रहे संवाद के तहत महात्मा गांधी स्मारक इंटर कालेज, चनौदा तथा राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चनौदा में जागरूकता बैठकों का आयोजन किया गया

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इस मौके पर स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी के फार्मासिस्ट गजेन्द्र पाठक ने पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों में पानी के स्तर में हो रही गिरावट के कारणों पर प्रकाश डाला।


उन्होंने बताया कि पूर्व में कृषि उपकरणों तथा जलौनी लकड़ी के लिए मिश्रित जंगलों का अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन होने, जंगलों में आग लगने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि होने तथा वैश्विक तापवृद्धि के कारण जलवायु परिवर्तन होने से जल स्रोतों और जैवविविधता पर विपरीत असर पड़ रहा है जिसके कारण गाड़,गधेरे,नौले धारे और गैर हिमानी नदियों का जल स्तर लगातार कम हो रहा है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

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उन्होंने कहा कि जंगलों को अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन से बचाने तथा जंगलों की आग को रोकने और इसे नियंत्रित करने में वन विभाग की मदद के लिए जनता को आगे आना होगा तभी जल स्रोतों को को सूखने से बचाया जा सकता है।

जंगलों को आग से बचाकर और जंगलों में मानवीय हस्तक्षेप को कम कर सहायतित प्राकृतिक पुनरोत्पादन पद्धति ( एएनआर) से नये जंगल भी विकसित किए जा सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि जैसी समस्याओं से मुकाबला करने में बेहद मददगार साबित होंगे।

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इस मौके पर विद्यार्थियों को जंगलों का दोस्त बनने हेतु प्रेरित किया गया।धौलरा के ग्राम प्रधान कैलाश जोशी ने जागरूकता कार्यक्रम को कोसी नदी के पुनर्जीवन के बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए इस तरह के कार्यक्रम ग्राम सभा स्तर पर भी ले जाने पर जोर दिया।


महात्मा गांधी स्मारक इंटर कॉलेज चनौदा के प्रधानाचार्य विजय सिंह भाकुनी ने कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने में सहयोग देने हेतु जनसहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही यह भी मांग की कि केडा़ जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित करने के लिए कार्यक्रम बनाया जाये।


इस अवसर पर राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चनौदा की नीलू नेगी ने जागरूकता कार्यक्रम को बेहद ज्ञानवर्धक बताया और इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर आयोजित किए जाने पर जोर दिया।


वन पंचायत संगठन सोमेश्वर के अध्यक्ष विनोद पांडेय ने जंगलों की आग को जल स्त्रोतों और जैवविविधता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और जंगलों की आग को रोकने के लिए जनता और वन विभाग के परस्पर सामंजस्य पर जोर दिया।


उप वन क्षेत्राधिकारी सोमेश्वर राम सिंह रावत ने जंगलों के संरक्षण और संवर्धन में महिलाओं के सहयोग पर जोर दिया।


दोनों कार्यक्रमों में वन क्षेत्राधिकारी मनोज लोहनी,वन्दना जोशी,किशोर चंद्र,राजू बिष्ट,वन बीट अधिकारी, वन दरोगा गोपाल राम आर्या, देवेन्द्र जोशी, लीला बोरा,वन्दना आर्या,उमेश सिंह मेहरा,कविता राना, संगीता आर्या,सुनीता उपाध्याय,उमा गोस्वामी, विनीता बिष्ट,गीता बोरा, गिरीश चन्द्र जोशी,पवन चंद्र जोशी, विनोद कुमार बोरा,दीपक सिंह,डा कमला गोस्वामी,आशा देवी,भगवती जोशी, बसंत सिंह कैड़ा,डा निशा जोशी,किरन उपाध्याय,रेखा जोशी, दीपा जोशी समेत दोनों विद्यालयों के अध्यापकों,विद्यार्थियों, शैल, धौलरा, गुरडा़,डौनी के सरपंचों, ग्राम प्रधानों तथा महिला मंगल दलों के सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया।