गांधी के विचार पूरी तरह प्रासंगिक,जरूरत है इनपर अमल किए जाएं

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड सेवा निधि में दशम डा.बीडी पांडे स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रख्यात लेखक रामचन्द्र गुहा सहित देश के विभिन्न स्थानों से आए विषय विशेषज्ञों ने अपनी राय दी। लेखक राम चन्द्र गुहा ने दस कारण जो महात्मा गांधी को अब भी प्रासंगिक बनाते हैं विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों के प्रश्नों का भी उत्तर दिया।

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इस व्याख्यान में गांधी जी के देश के विकास, समरसता, सदभावना और योजनाओं के विकेन्द्रीयकरण के विचारों पर जानकारी दी। लेखक रामचन्द्र गुहा ने कहा कि गांधी जी ने आजादी के बाद देश के विकास के लिए जो सोच रखी थी वह आज भी प्रासंगिक है। भले ही आबादी बढ़ने और शहरीकरण के बाद जो स्थितियां बनी है वह भले ही कुछ बदलाव लिए हों लेकिन वहां भी गांधी के विचारों को नकारा नहीं जा सकता है। इस मौके पर उत्तराखंड की प्रख्यात गांधीवादी कार्यकत्री राधा बहिन ने कहा कि गांधी जी भारत के गांवों के विकास को प्राथमिकता देने की बात करते थे। लेकिन ​स्थितियां उस तरह नजर नहीं आ रही है। जिस पर रामचन्द्र गुहा ने कहा कि गांधी जी की इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता लेकिन आजादी के वक्त मात्र 20 फीसदी जनता शहरों में रहती थी अब उनकी संख्या 40 प्रतिशत हो गई है। ऐसी स्थिति में विकास के लिए दोनों पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। यहीं नहीं उन्होंने कहा कि ​संचार सेवाएं भी अब और तब में काफी परिवर्तित हो गई हैं। ऐसे में संविधान में जो 73वां और 74 वां संशोधन किया गया है वह अपने अधिकार को पाने के लिए सकारात्मक हो सकता है। इस मौके पर रंजन जोशी, डा. ललित पांडे, डा. शेखर पाठक, राधा बहिन, डीएम नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी प्रह्लाद सिंह मीना,एडवोकेट शेखर लखचौरा, उपपा के अध्यक्ष पीसी तिवारी,पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी, डा. रमेश पांडे राजन, वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह, डा.दिवा भट्ट, मंजू पांडे, थ्रीश कपूर, डा. ओपी यादव, सीडीओ मनुज गोयल, पूरन चन्द्र तिवारी सहित अनेक लोग और विषय विशेषज्ञ मौजूद थे। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए गांधीवादी कार्यकत्री राधा ​बहिन ने कहा कि सरकारों के हाथों में अधिकार केन्द्रीयकृत हो रहे हैं। जनता अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ नहीं रही है। यह जनतंत्र है इसमें जनता की भागीदारी होनी चाहिए।तंत्र हावी नहीं होना चाहिए तभी राजनीति जनता के अनुसार चलेगी अभी पार्टियां इसे चला रही हैं।