काम नहीं कहने की सोच रखने वाले अफसर वीआरएस लें: मुख्य सचिव

मसूरी। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखंड के नौकरशाहों को ‘नो’ कहने की आदत से बाहर निकलने की सलाह दी है। उन्होंने…

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मसूरी। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखंड के नौकरशाहों को ‘नो’ कहने की आदत से बाहर निकलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र में हमको ‘नो’ कहने की तनख्वाह नहीं मिलती है। कई बार अफसर फैसले लेने से डरते हैं और ‘यस’ के बजाय ‘नो’ कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लेना चाहिए।

दरअसल मुख्य सचिव मंगलवार से मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी में शुरू हुए राज्य सरकार के तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखंड @ 25 चिंतन शिविर में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सचिव ने नीति और नियमों को सरल बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर हम बुद्धिमान हैं तो चीजों को सरल बनाएं क्योंकि कम बुद्धिमान लोग ही चीजों को जटिल बनाएंगे। हम कैसे बुद्धिमान हैं कि छोटी सी समस्या का भी समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं।

मुख्य सचिव ने सरलीकरण को लेकर नौकरशाहों को नसीहत दी और तंज किया कि वे वह शासनादेशों की भाषा को स्वयं पढे़ं, उन्हें खुद समझ नहीं आएगा कि उसमें क्या लिखा है? इसलिए आवश्यक के अनुसार शासनादेशों को सरल बनाएं जिससे आम जनता को लाभ मिल सके। आईएएस अधिकारी को ‘आई एम सोल्यूशन फांइडर’ बनना होगा।