जल स्रोतों का संरक्षण को लेकर चल रहे अभियान के तहत विद्यार्थियों के बीच संवाद कार्यक्रम जारी

Under the ongoing campaign for the conservation of water sources अल्मोड़ा, 17 नवंबर 2022- कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों, और धारों…

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Under the ongoing campaign for the conservation of water sources

अल्मोड़ा, 17 नवंबर 2022- कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों, और धारों को संरक्षित, संवर्धित करने तथा कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने का प्रयास जारी है।

जल स्त्रोतों और जंगलों को संरक्षित करने हेतु स्थानीय स्तर पर जनसहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आनंद वैली सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोमेश्वर, तथा कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल, सोमेश्वर में जागरूकता बैठकों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा वन प्रभाग महातिम यादव ने कहा” कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों का अस्तित्व जंगलों विशेषकर मिश्रित जंगलों पर निर्भर है, जंगलों को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए जनसहभागिता बहुत जरूरी है।

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उन्होंने कहा कि वन प्रभाग अपने स्तर से जंगलों के संरक्षण एवं संवर्धन पर काम कर रहा है । जंगलों को आग से बचाने हेतु ओण/केडा़ जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित करने की जरूरत है ।


गजेन्द्र पाठक, फार्मेसिस्ट, स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों में पानी के स्तर में हो रही गिरावट के कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विगत में कृषि उपकरणों तथा जलौनी लकड़ी के लिए मिश्रित जंगलों का अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन होने, जंगलों में आग लगने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि होने तथा वैश्विक तापवृद्धि के कारण जलवायु परिवर्तन होने से जल स्रोतों और जैवविविधता पर विपरीत असर पड़ रहा है जिसके कारण गाड़,गधेरे,नौले धारे और गैर हिमानी नदियों का जल स्तर लगातार कम हो रहा है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।


उन्होंने कहा कि जंगलों को अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन से बचाने तथा जंगलों की आग को रोकने और इसे नियंत्रित करने में वन विभाग की मदद के लिए जनता को आगे आना होगा तभी जल स्त्रोतों को सूखने से बचाया जा सकता है।


जंगलों को आग से बचाकर और जंगलों में मानवीय हस्तक्षेप को कम कर सहायतित प्राकृतिक पुनरोत्पादन पद्धति ( ए एन आर) से नये जंगल भी विकसित किए जा सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि जैसी समस्याओं से मुकाबला करने में बेहद मददगार साबित होंगे।


कंट्री वाइड पब्लिक स्कूल सोमेश्वर की प्रधानाचार्या शीला रावत ने जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की सराहना करते हुए जंगलों की आग को रोकने हेतु नागरिकों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर जोर दिया।


कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी मनोज लोहनी, आनंद वैली सैकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य विजय चौहान, कमल किशोर, मनीषा भाकुनी, हीरा सिंह बिष्ट, किशोर चंद्र, धीरेन्द्र उप्रेती , जगदीश रौतेला,आर एस बोरा, गिरीश सिंह बोरा,राम सिंह बोरा, सुनील गिरी, तनूजा बचखेती, सुनीता पांडेय, दिनकर जोशी ,आनंद परिहार, बबीता अल्मिया, विनोद जोशी, मनीष भाकुनी, सीमा नयाल, संतोष जोशी, विनोद जोशी, गोपाल राम आर्या आदि शामिल थे।