पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ जताई गहरी नाराजगी, सीएम से मुलाकात का फैसला लिया

[hit_count] अल्मोड़ा। अल्मोड़ा के पत्रकारों की एक बैठक में पत्रकारों ने पुलिस के उत्पीड़नात्मक रवैये की कड़ी निंदा की गई। पत्रकारों ने कहा कि पुलिस…

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अल्मोड़ा। अल्मोड़ा के पत्रकारों की एक बैठक में पत्रकारों ने पुलिस के उत्पीड़नात्मक रवैये की कड़ी निंदा की गई। पत्रकारों ने कहा कि पुलिस पत्रकारों को डरा धमकाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। पुलिस द्वारा एक संपादक के रूप में लिखे खेदजनक पत्र को वायरल किये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
बैठक में कहा गया कि 22 मार्च पत्रकार कपिल मल्होत्रा को एक खबर लिखने पर पुलिस अधिकारियों द्वारा डराया धमकाया गया। पत्रकार से उनका मोबाइल, कैमरा छीन लिया गया वहीं उक्त खबर बताने वाले सूत्र का नाम बताने के लिए दबाव बनाया गया और डरा धमका कर माफीनामा लिखने के लिए बाध्य किया गया,जबकि उनके द्वारा लिखी गयी खबर बिल्कुल सही थी। सूत्र का नाम न बताने व माफीनामा न लिखने पर उन्हें संगीन धाराऐं लगाकर गिरफ्तार करने की भी धमकी दी गयी। पत्रकार कपिल मल्होत्रा को माफीनामा लिखने को जबरन बाध्य किया गया। यही नहीं दबाव के बाद माफीनामा लिखाने के बाद भी पुलिस ने एसएसपी पुलिस के सोशल मीडिया (व्हाटसप) ग्रुप में वायरल कर उनका अपमान किया गया। जबकि निजता के वायरल होने के बाद पत्रकार खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जिससे जिले के समस्त पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। बैठक में उक्त घटना को गम्भीरता से लेते हुए इसकी जाँच कराने और एक सप्ताह के भीतर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो अल्मोड़ा के समस्त पत्रकार लोक सभा चुनाव का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन की प्रति चुनाव आयोग उत्तराखण्ड,जिलाधिकारी,राज्यपाल,डीजीपी उत्तराखंड, आईजी कुमाऊँ मण्डल व गृह विभाग उत्तराखंड को भी दी गई है। बैठक में पत्रकार नवीन बिष्ट, पीसी तिवारी, प्रकाश चन्द्र पांडे, ब्रजेश तिवारी, हरीश भंडारी, किशन जोशी, निर्मल उप्रेती, प्रकाश भट्ट,शिवेन्द्र गोस्वामी, कपिल मलहोत्रा, दीपक मनराल, प्रमोद जोशी,ललित भट्ट, अमित उप्रेती,अनिल सनवाल,नसीम अहमद, डीएस सिजवाली, एमडी खान सहित अनेक पत्रकार मौजूद थे।