त्यौहारों के महीने में दूध के बाद अब प्याज भी हुआ महंगा, कुछ दिनों में बढ़ जाएंगे इनके दाम

त्यौहारों का महीना चल रहा है लोगों की खरीदारी भी जोरों शोरों पर है ऐसे में मार्केट भी उतना ही महंगा होते हुए नजर आ…

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त्यौहारों का महीना चल रहा है लोगों की खरीदारी भी जोरों शोरों पर है ऐसे में मार्केट भी उतना ही महंगा होते हुए नजर आ रहा है। जी हां त्योहारी महीने में दूध के बाद अब प्‍याज की बढ़ती हुई कीमतें महंगाई के आंसू रुलाने को तैयार हैं। दरअसल, प्‍याज की कीमतें कई महीने स्थिर रहने के बाद अब बढ़ने लगी हैं।

अक्‍टूबर की शुरुआत में प्‍याज का खुदरा भाव 25 रुपए प्र‍ति किग्रा तक था। अब इसका भाव बढ़कर कई जगह 40 रुपए प्रति किलो हो गया है। बता दें कि पिछले हफ्ते देश के दो सबसे बड़े मिल्क ब्रांड अमूल और मदर डेयरी ने फुल क्रीम दूध की कीमतों में 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की थी।

प्‍याज के भाव में बढ़ोतरी का कारण कम सप्‍लाई को माना जा रहा है। प्याज का थोक मूल्य एक पखवाड़े पहले की तुलना में अब लगभग 40 फीसदी अधिक है। इस कारण अब प्याज का खरीद मूल्य 15 से 30 प्रति किलोग्राम के बीच है। व्‍यापारियों का अनुमान है कि कीमतों में उछाल तब तक जारी रहेगा, जब तक कि नवंबर के पहले सप्ताह तक ताजा फसल बाजार में नहीं आ जाती।

50 रुपए से ऊपर जा सकता है रेट

देश में कई जगह प्‍याज का खुदरा मूल्‍य 40 रुपए तक हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, व्यापारियों का कहना है कि प्याज बहुत जल्द 50 प्रति किलोग्राम से भी ज्‍यादा हो सकता है। अक्टूबर की शुरुआत में खुदरा बाजार में प्याज 15 से 25 प्रति किलोग्राम के बीच मिल रहा था। बाजार जानकारों का कहना है किसानों के पास अब प्‍याज खत्‍म होने वाला है। बाजार में जो मौजूदा आपूर्ति किसानों से नहीं बल्कि प्‍याज भंडारों से हो रही है।

देश में 70 फीसदी प्‍याज का उत्‍पादन रबी सीजन में होता है। खरीफ सीजन में प्‍याज काफी कम होता है लेकिन खरीफ में जो उत्‍पादन होता है, वह सितंबर-नवंबर के महीनों में कीमतों को बढ़ने से रोकने में बहुत मदद करता है। प्‍याज की कीमतों के साथ ही हरी सब्जियों के दाम भी बढ़ रहे हैं।