अंकिता हत्याकांड(Ankita murder case) प्रशासनिक लापरवाही- भुवन

Ankita murder case administrative negligence- Bhuvan अल्मोड़ा,26 सितम्बर 2022- पौड़ी जनपद के श्रीकोर्ट निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita murder case)के मामले में आम…

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Ankita murder case administrative negligence- Bhuvan

अल्मोड़ा,26 सितम्बर 2022- पौड़ी जनपद के श्रीकोर्ट निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita murder case)के मामले में आम आदमी पार्टी ने प्रशासनिक लापरवाही की आलोचना की साथ ही सरकार पर माफियाओं को अप्रत्क्ष संरक्षण देने का भी आरोप लगाया।


आप कार्यकर्ता भुवन चन्द्र जोशी ने कहा है कि पहाड़ मे राजस्व पुलिस का भी आधुनिकीकरण होना चाहिये, इस प्रकरण में राजस्व पुलिस की भूमिका पूरी तरह से विवादों के घेरे में है।


उन्होंने कहा कि 18 सितम्बर को घटना मे जिस तरह से परिजनों की समस्या और गंभीरता की अनदेखी की गई उससे अंकिता की जान चली गई(Ankita murder case) ।
जोशी ने कहा कि यह घटना राजस्व पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। स्थानीय लोगों ने भी इस प्रकरण में पटवारी की भूमिका को लेकर नाराजगी जताई है।


उन्होंने कहा कि संबंधित पटवारी, कानूनगों, तहसीलदार और भी जो अधिकारी शामिल है उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए। आरोप लगाया कि जिस पटवारी पर कार्यवाही की गई वह केवल दो दिन के लिए कार्यवाहक पटवारी था, वहा के पटवारी पुलकित आर्या का दोस्त था जिसे उक्त घटना के समय 2 दिन की छुट्टी में भेजा गया था जिसकी निष्पक्ष जाँच की जानी चाहिए।


श्रीनगर की रहने वाली अंकिता भंडारी इसी वन्नतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी ,उस पर अनेतिक कार्यों के लिये दबाव डाला गया । यदि पहाड़ मे यही पर्यटन का मॉडल है तो इसकी निन्दा होनी चाहिये।

उन्होंने कहा कि सरकार को बहुत जल्दबाजी में होटल में अंकिता भण्डारी के कमरे को तोड़ने की जल्दी थी, बिना फोरेंसिक जाँच के बुलडोजर चलाना सरकार और प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा करता। इससे जाँच प्रभावित हो सकती है। बाद में जनदबाव को देखते हुए सरकार ने बयान जारी किया है कि होटल को तोड़ने से पहले वहां की फोरेंसिक जाँच कर ली गयी थी।


सरकार को आगे ऐसी घटनाओं की रोकने के लिए विनोद आर्या, अंकित आर्या, और पुलकित आर्या की फोन डिटेल सार्वजनिक करनी चाहिए जिससे हत्याकांड में हुए ढुलमुल रवैये में सरकार और प्रशासन की भूमिका का पता चल सके।


वही दूसरी ओर जोशी ने विधानसभा में हुई भर्ती को रद्द कर सरकार ने सराहनीय कार्य किया परन्तु इसमें शामिल नेताओ पर कार्यवाही ना करना सरकार को कटघरे में खड़ा करता है, इन नियुक्तियों में हर नियम का उल्लंघन किया गया है इसमें संलिप्त हर एक व्यक्ति को कठोर से कठोर सजा और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, गोविन्द सिंह कुंजवाल,रेखा आर्या,अरविन्द पाण्डे ओर जो लोग शामिल सभी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।