पिथौरागढ़ घाट रोड बंद, लोग मुसीबत झेलने को मजबूर

पिथौरागढ़। जनपद में बीते कुछ रोज हुई भारी बारिश के बाद पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन सहित अनेक मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले को हल्द्वानी और…

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पिथौरागढ़। जनपद में बीते कुछ रोज हुई भारी बारिश के बाद पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन सहित अनेक मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले को हल्द्वानी और टनकपुर से जोड़ने वाली पिथौरागढ़ – घाट आल वैदर रोड पर हालांकि रविवार शाम एक बार यातायात सुचारू हो गया था, लेकिन देर शाम दिल्ली बैंड तथा गुरना मंदिर के पास फिर से भारी मात्रा में मलबा आ गया।

इस मार्ग के बंद होने से अनेक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, खासकर हल्द्वानी, अल्मोड़ा की तरफ से सोमवार को आए यात्री रास्ते में फंस गए और उनमें से अनेक काफी पैदल चलने के बाद वाहनों की अदला बदली कर गंतव्य तक पहुंचे या फिर गंगोलीहाट – बेरीनाग के रास्ते लंबा घूमकर पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय और अन्य जगहों तक आना पड़ा। कई लोगों ने घाट स्थित पैदल पुल से ही काफी दूर मीना बाजार तक का सफर तय किया। वहां पहुंचने के बाद भी लोग वाहनों के लिए परेशान रहे।
वहीं आवश्यक काम से हल्द्वानी की तरफ जाने वालों को भी वाया थल – शेराघाट- अल्मोड़ा होते हुए जाना पड़ा।

नेशनल हाईवे और आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार दिल्ली बैंड के पास बड़े बड़े बोल्डर आने से अब पिथौरागढ़ की इस लाइफ लाइन के मंगलवार दोपहर तक खुलने की संभावना है, जबकि गुरना मंदिर के पास दोबारा मलबा आने का खतरा बना हुआ है।

इसके अलावा चार बार्डर रोड बंद हैं, जिनमें पहले से बंद चल रही चीन सीमा को जोड़ने वाली घट्टाबगड़ – लिपुलेख रोड, तवाघाट – घट्टाबगड़, तवाघाट – सोबला तथा सोबला – दर – तिदांग शामिल है। वहीं मदकोट से दारमा को जोड़ने वाली रोड सोमवार दोपहर खोल दी गई है। इनके अलावा भूस्खलन और जलभराव से सोमवार दोपहर तक करीब एक दर्जन ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद थे।

दूसरी ओर सोमवार को कई दिन बाद मौसम खुला और छिटपुट बादलों के बीच लगभग दिन भर चटख धूप खिली रही। इस बीच नदियों के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई, हालांकि काली नदी का पानी सोमवार शाम तक चेतावनी के स्तर से नीचे नहीं उतरा था, जोकि रविवार शाम को चेतावनी स्तर को पार कर गया था।