बड़ी खबर- अब उत्तराखंड विधानसभा की भर्तियों पर भी विवाद, पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहा

देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों भर्तियों में गड़बड़ियों की खबरें ही छाई है। अब उत्तराखंड विधानसभा में हुई 73 लोगों की तदर्थ भर्तियां भी विवादों…

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देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों भर्तियों में गड़बड़ियों की खबरें ही छाई है। अब उत्तराखंड विधानसभा में हुई 73 लोगों की तदर्थ भर्तियां भी विवादों में आ गई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भर्तियों पर आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई है। विपक्ष का आरोप है कि नियम-कायदों को ताक पर रखकर पिछले दरवाजे से सिफारिशों पर लोगों को नौकरियां बांट दी गई।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि- जब मैं मुख्यमंत्री था तो मेरे पास विधानसभा की भर्ती की फाइल आई थी। मैंने आदेश दिए थे कि भर्तियां पारदर्शिता पूर्ण ढंग से आयोग के माध्यम से होनी चाहिए। ये भर्तियां कब हुई, मुझे मालूम नहीं। त्रिवेंद्र का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि विधानसभा ने ही करीब 73 पदों पर तदर्थ आधार पर भर्तियां कीं।

कांग्रेस का आरोप है कि एक ओर भर्ती के नाम पर हजारों अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए, लेकिन वह भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई। उलटे पिछले दरवाजे से मंत्रियों, सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेताओं के करीबियों को नौकरियों पर रख लिया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने तो बाकायदा उन नेताओं के नाम लिए हैं, जिनके नजदीकी लोगों को विधानसभा में नौकरी पर रखा गया।

त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड ने कहा कि – विधानसभा सर्वोच्च सदन, वहां पारदर्शिता होनी चाहिए, विधानसभा की भर्तियों में क्या हुआ, कैसे हुआ, ये मेरे संज्ञान में नहीं है। मैं सैद्धांतिक रूप से इस बात का पक्षधर रहा हूं और रहूंगा कि कहीं पर पारदर्शिता पूर्ण ढंग से नियुक्तियां होनी चाहिए। किसी युवा के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। जब कोई शार्ट कट से नौकरी लेता है तो कष्ट होता है। विधानसभा राज्य का सर्वोच्च सदन है, वहां पारदर्शिता होनी चाहिए।

मामले पर प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि- मेरे कार्यकाल की भर्तियों को कोर्ट ने वैध करार दिया। कांग्रेस किन भर्तियों पर सवाल उठा रही है, स्पष्ट करे। मेरे कार्यकाल में जो भर्तियां विधानसभा में हुई थीं, उन्हें पहले हाईकोर्ट नैनीताल और फिर सुप्रीम कोर्ट भी वैध करार दे चुका है।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड विधानसभा के गठन से लेकर अब तक जितनी भी भर्तियां हुई हैं, सभी की जांच की मांग उठा दी है। बता दें कि अंतरिम सरकार के पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत और उनके बाद की सरकारों में स्पीकर रहे यशपाल आर्य, हरबंस कपूर, गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई भर्तियां किसी न किसी वजह से विवादों में रही हैं।