मासिक स्टाफ बैठक: जिलाधिकारी ने अपनाए कड़े तेवर

पिथौरागढ़। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ आशीष चौहान ने मासिक स्टाफ बैठक में तमाम मुद्दों पर विभागीय अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश दिए और कुछ मामलों में…

Monthly staff meeting: District Magistrate adopted strict attitude

पिथौरागढ़। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ आशीष चौहान ने मासिक स्टाफ बैठक में तमाम मुद्दों पर विभागीय अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश दिए और कुछ मामलों में लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई। बैठक में राजस्व, परिवहन, आबकारी, पुलिस आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जिला सभागार में विगत दिवस हुई बैठक में जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एसडीएम कोर्ट स्तर पर एक वर्ष से अधिक पुराने लंबित वादों का निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए। धारचूला क्षेत्र में पीपी एक्ट के अंतर्गत लंबित वादों की अधिक संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने एसडीएम धारचूला को अवैध अतिक्रमण संबंधी वादों का शीघ्र निस्तारण करने को कहा।


नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के मद्देनजर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों से कहा कि विगत 10 वर्षों के रिकॉर्ड को खंगाल कर देखा जाए कि जनपद के किन क्षेत्रों में अफीम की खेती होती रही है। वहां पुनः छापेमारी कर अफीम की खेती पाए जाने पर नष्ट की जाए। जिलाधिकारी ने जनपद में हो रहे अवैध खनन को लेकर नाराजगी प्रकट की तथा उप जिलाधिकारियों को चेतावनी दी कि अवैध खनन को लेकर लापरवाही न बरतें और इस पर रोक लगाने को लगातार छापेमारी करें।

परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुर्घटना न्यूनीकरण मिशन के अंतर्गत जनपद में लगातार वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाय। उन्होंने 85 पुलिस एक्ट में हुए चालानों की सूचना तथा तथा वाहन लाइसेंस निरस्तीकरण की सूचना नियमित रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने 15-16 वर्ष पुराने टैक्सी आदि वाहन जनपद में संचालित होने पर भी कड़ी नाराजगी प्रकट की और ऐसे वाहनों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग की प्रस्तुत रिपोर्ट, जिसमें शराब पीकर वाहन चलाने वाले मात्र एक चालक के चालान की कार्रवाई दर्शाई गई थी, उस पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जनपद में प्रायः देखने में आ रहा है कि भारी संख्या में लोग शराब पीकर वाहन चला रहे हैं, किंतु विभाग द्वारा इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को नशे में तथा फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

नशे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जहां शादी आदि समारोह आयोजित हो रहे हैं, उन क्षेत्रों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र घोषित करते हुए संबंधित उप जिलाधिकारी या पटवारी द्वारा छापेमारी कर एल्कोमीटर से लोगों की जांच की जाए तथा सम्बन्धितों को वाहन चलाने से मना किया जाए। उन्होंने जिला आबकारी अधिकारी को निर्देश दिये कि बार चलाने वाले दुकानदारों को प्रेरित किया जाए कि यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक नशे की हालत में है तथा वाहन चलाने जा रहा है तो वे उसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दें।


सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय व जिला परिवहन कार्यालय से शासन को प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट में दुर्घटनाओं की संख्या में अंतर पाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि परिवहन आयुक्त को पत्र प्रेषित कर एआरटीओ की लापरवाही से अवगत कराया जाए।बैठक में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर जिलाधिकारी एफआर चौहान, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट भगवत प्रसाद पांडे आदि उपस्थित थे।