पलायन को लेकर पहाड़ों में सर्वे को निकली आयोग की टीम, अधिकारियों से लिए जरूरी सुझाव, महिलाओं को कृषक का दर्जा देने और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की भी उठी मांग

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में गठित पलायन आयोग अब राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पलयान के कारणों पर सर्वे को निकला है। मंगलवार को पलायन आयोग के…

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड में गठित पलायन आयोग अब राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पलयान के कारणों पर सर्वे को निकला है। मंगलवार को पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा0 एस0एस0 नेगी ने विकास भवन सभागार में अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि आयोग द्वारा राज्य में पलायन पर सर्वे करने हेतु समस्त जनपदों का भ्रमण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विगत 10 वर्षों में पर्वतीय जनपदों में अधिक पलायन हुआ है जिसमें अन्य जनपदों की अपेक्षा पौड़ी और अल्मोड़ा में सबसे अधिक पलायन हुआ है। उन्होंने इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से पलायन का कारण और उसे रोकने हेतु सुझाव प्राप्त किये।

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बैठक में कृषि विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि कृषि कार्यों में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुॅचाना एक मुख्य समस्या है। इसके अलावा महिलाओं को कृषक का दर्जा दिया जाय ताकि डी0बी0टी0 योजना का लाभ सीधे महिलाओं तक पहुॅचाया जा सके जिससे महिलाओं की आर्थिकी में वृद्वि होगी। विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा कहा गया कि पहाड़ में आवागमन की बड़ी समस्या जिसके न होने से यहाॅ पर फसल, फलो का उचित मूल्य नहीं मिल पाता और काश्तकार अपने उत्पादों को सस्ते दामो पर बेचने को मजबूर हो जाता है। उद्यान विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में मिर्च, आलू, गडेरी, बहुतायत में उगाया जाता है लेकिन सड़कों से लगे क्षेत्रों के अलावा अन्य दूर दराज के काश्तकारों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।

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बैठक में यह भी बताया गया कि पलायन का एक और कारण विपणन की समस्या है। जिस कारण कृषक अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त करने से रह जाते है। इसके अलावा अधिकारियों द्वारा कहा गया कि शिक्षा व्यवस्था में प्रत्येक गाॅव में खुले प्राथमिक विद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति होना जरूरी है पहाड़ से पलायन रोकने हेतु गुणवत्ता युक्त शिक्षा व्यवस्था विद्यालय में भरपूर स्टाॅफ के अलावा हिन्दी, अंग्रेजी माध्यम से पठन-पाठन कुछ हद तक पलायन पर रोक लगा सकता है। इसके अलावा पर्यटन सर्किट के रूप में अनछुए पर्यटक स्थलों को विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देकर पलायन पर रोक लगायी जा सकती है।

इस बैठक में कृषि, उद्यान, पशुपालन, पर्यटन, उद्योग, रेशम, चाय विकास बोर्ड आदि विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने सुझाव उपाध्यक्ष के सम्मुख रखे गये। बैठक में उपाध्यक्ष ने कहा कि सभी विभागों के सुझावों एवं समस्याओं का विश्लेषण करने के पश्चात् रिर्पोट सरकार को सौंपी जायेगी और उसके बाद पलायन को रोकने के लिए ठोस रणनीति तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि पलायन आयोग का मुख्य उददेश्य पलायन को रोकने एवं ग्रामीण विकास को बढ़ाना है इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि महिलाओं के विशेष योजनायें चलाये जाने की जरूरत है। पहाड़ों में महिलायें आर्थिकी का मुख्य आधार है। 

इस अवसर पर अपर आयुक्त ग्राम्य विकास डा0 आर0एस0 पोखरिया, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी के0के0 पंत, शोध अधिकारी पलायन आयोग जी0बी0 चन्द्रानी, गोविन्द सिंह धामी, मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी आलोक जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।