Almora: अक्षय तृतीया से एक पखवाड़े तक भक्तमय व सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सरोबार रहेगा डोल आश्रम(Dol Ashram Almora)

Dol Ashram Almora will be full of devotional and cultural programs for a fortnight from Akshaya Tritiya अल्मोड़ा, 01 मई 2022- अल्मोड़ा के लमगड़ा के…

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Dol Ashram Almora will be full of devotional and cultural programs for a fortnight from Akshaya Tritiya

अल्मोड़ा, 01 मई 2022- अल्मोड़ा के लमगड़ा के डोल आश्रम (Dol Ashram Almora)में अक्षय तृतीया से बुद्ध पूर्णिमा तक स्थापना दिवस मनाया जायेगा।


इस 15 दिनों की अवधि में आश्रम में श्रीयंत्र की पूजा अर्चना के साथ ही कई भक्तिमय कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

Dol Ashram Almora
अल्मोड़ा के लमगड़ा के डोल आश्रम (Dol Ashram Almora)में अक्षय तृतीया से बुद्ध पूर्णिमा तक स्थापना दिवस मनाया जायेगा।


रविवार को आश्रम (Dol Ashram Almora)में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में आश्रम के महन्त बाबा कल्याण दास ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों में वार्षिकोत्सव कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो पाया।इस बार कोविड नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन होगा।
इस भव्य आयोजन में भक्तिमय कार्यक्रमों के साथ ही पर्वतीय संस्कृति से सरोबार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।


इसमें योग, देवी जागरण,व्यास प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद गंगा दशहरा तक कार्यक्रमों का आयोजन जारी रहेगा।


उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समाज के कल्याण हेतु और सांस्कृतिक व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। राम मंदिर न्यास के गोविंद देव गिरी और अतुल कृष्ण भारद्वाज भी कार्यक्रमों की श्रृंखला में मौजूद रहेंगे।


इस मौके पर संत विश्व स्वरूपानंद, पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, दीवान सतवाल, नवल रावत, चन्दन बोरा आदि मौजूद थे।

आस्था आत्मा और अध्यात्म का मामला, लाउडस्पीकर इसका माध्यम नहीं- कल्याण दास

देश में चल रहे लाउडस्पीकर प्रकरण पर बाबा कल्याण दास ने कहा कि पूजा अर्चना विधि आत्मा का मामला है, हर धर्म में इसका तरीका अलग हो सकता है लेकिन हमें संविधान और कानून का पालन करना चाहिए। लेकिन धार्मिक आस्था के लिए लाउडस्पीकर को माध्यम नहीं माना जा सकता इसके लिए जो नियम बनाए जायं हमें उनका पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक गैरराजनीतिक व्यक्ति और सन्त होने के कारण वह सार्वजनिक राय नहीं दे सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से वह कानून व संविधान के पालन करने के पूर्ण पक्षधर हैं।