कायराना हरकत -: पुलवामा हमले में 42 पहुंची शहीदों की संख्या, देश में शोक की लहर

डेस्क :- जम्मू कश्मीर के पुलवामा  में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला सामने आया है , सेना के काफिले में फियादीन ने अपना…

डेस्क :- जम्मू कश्मीर के पुलवामा  में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला सामने आया है , सेना के काफिले में फियादीन ने अपना वाहन घुसा कर टकरा दिया और सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए |
अब तक फिदायीन आतंकी ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी एक बस से टकरा दी, जिसमें सीआरपीएफ के 42 जवान सवार थे | जैश ए मुहम्मद ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है |
इससे पहले 18 साल पहले अक्टूबर 2001 में कश्मीर विधानसभा पर इसी तरह के हमले में 38 मौतें हुई थी |
जानकारी के अनुसार  जम्मू से श्रीनगर जा रही सीआरपीएफ की 70 गाड़ियों के काफिले पर कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने फिदायीन हमला कर दिया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बताया कि हमले में 42 जवान शहीद हो गए, कई घायल हैं। इस काफिले में 2500 जवान शामिल थे।  विस्फोटकों से भरी गाड़ी के जरिए अब तक का सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले अक्टूबर 2001 में कश्मीर विधानसभा और जनवरी 2004 में सुरक्षा बलों के काफिले पर भी इसी तरह हमला हुआ था।

  पता लगा है कि जैश के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो ने दोपहर 3:15 बजे यह फिदायीन हमला किया। उसने एक गाड़ी में विस्फोटक भर रखे थे। जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला लेथपोरा से गुजरा, आतंकी ने अपनी गाड़ी जवानों से भरी बस से टकरा दी। बताया जा रहा है कि आदिल ने स्कॉर्पियो में 350 किलोग्राम विस्फोट भर रखा था। पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।
जवानो का काफिला सुबह 3:30 बजे जम्मू से रवाना हुआ था और इसे शाम होने से पहले श्रीनगर पहुंचना था। घाटी लौटने वाले जवानों की संख्या ज्यादा थी, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब होने की वजह से हाईवे पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी और इसके कुछ प्रशासनिक कारण भी थे। आमतौर पर ऐसे काफिलों में एक बार में एक हजार जवान होते हैं। लेकिन, इस बार इनकी संख्या 2500 के करीब । काफिले में रोड ओपनिंग पार्टी और बख्तरबंद आतंकरोधी गाड़ियां भी शािमल थीं। जिस बस को हमले के लिए निशाना बनाया गया, वह 76वीं बटालियन की थी |

इधर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि “पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमला घृणित है। जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। पूरा देश जवानों के परिवार के साथ खड़ा है।” राहुल ने भी इस हमले पर दुख जाहिर किया। उन्होंने ट्वीट कर दुख जताया है |

पूर्व में हुए इस तरह से आतंकी हमले

1 अक्टूबर 2001 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया था। हमले में 38 मौतें हुई थीं। वहीं, 15 जनवरी 2004 को आतंकियों ने श्रीनगर के पास अर्द्धसैनिक बल के एक काफिले पर विस्फोटकों से भरी कार से हमला कर दिया था। उरी में 18 सैनिको की आतंकी हमले में शहादत हुई थी |