Almora- ‘साधारण महिलाएं असाधारण अनुभव’ कार्यक्रम के जरिये उपपा ने किया महिलाओं के संघर्ष को सलाम

अल्मोड़ा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की महिला शाखाने साधारण महिलाएं असाधारण अनुभव कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं के संघर्ष को सलाम ​किया। इस…

Uppa salutes womens struggle

अल्मोड़ा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की महिला शाखाने साधारण महिलाएं असाधारण अनुभव कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं के संघर्ष को सलाम ​किया। इस मौके पर पद्म श्री से सम्मानित बसंती बहन ने कहा कि समाज को नशे से मुक्त करने का संघर्ष उत्तराखंड के लिए आवश्यक है उन्होंने कहा कि समाज को नशा मुक्त करने के हर अभियान को उनका सक्रिय समर्थन रहेगा।इस दौरान समाज व जनांदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली डॉक्टर रेखा जोशी, पूर्व ग्राम प्रधान मीना बिष्ट, शिक्षिका दीपा तिवारी एवं जन कवि गिर्दा की पत्नी हेमलता तिवारी ने अपने अनुभवों को साझा किया।
इस मौके पर विहान सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था ने ”है समस्या बेटिया अगर, तो समाधान है बेटियां” और ”पढ़ना सीखो लिखना सीखों, हक की खातिर लड़ना सीखो” आदि गीतो की प्रस्तुति से समां बांध दिया।

उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि घर परिवार, समाज व अपने अधिकारों के लिए सत्ता से भी टकराने वाली साधारण महिलाओं के असाधारण अनुभवों से आज की सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों को बदलने की ताकत मिल सकती है।

कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए बसंती बहन ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पिथौरागढ़ के एक गांव से लक्ष्मी आश्रम कौसानी व उनके साथ ग्रामीण क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने शिक्षा, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण व नदियों को बचाने के अभियानों में हिस्सा लिया। उन्होंने युवा पीढ़ी व समाज से समाज को नशा मुक्त करने परिवार व समाज में सामंजस्यों के साथ परिवर्तन के अभियान में शामिल होने की अपील की।

कार्यक्रम में नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन व उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए, हिमालयन कार रैली रोकने में जेल जाने वाली प्राध्यापिका डॉ. रेखा जोशी ने कहा कि लैंगिग विभेद की जड़ें हमारे परिवार व समाज में हैं। जिसे बदलने के लिए घर परिवार समाज व राजनीति में महिलाओं की निर्णायक भूमिका प्राप्त करने हेतु भी आगे बढ़ना होगा।

शिक्षिका दीपा तिवारी ने कहा कि अच्छी व बुरी स्थितियां हर व्यक्ति के जीवन में आती रहती हैं यदि हम दृढ़ता, धैर्य एवं साहस से उनका सामना करते हैं तो उससे व्यक्ति व समाज को बदलने का रास्ता मिलता है। हेमलता तिवारी ने गिर्दा के साथ जिए अपने अनुभवों को बांटते हुए कहा कि उत्तराखंड के आंदोलन में रचना व संघर्ष ने उन्हें समाज को समझने की नई दृष्टि दी।

विहान सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने इस कार्यक्रम में जनगीत व महिला आंदोलन से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विहान सांस्कृतिक संस्था की दल नेता ममता वाणी को भी सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया।
तीन घंटे चले कार्यक्रम में जया जोशी, कृतिका, दिव्या, प्रेम समेत अनेक वक्ताओं ने अपनी अपनी बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा और संचालन उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे व हेमा कांडपाल ने किया।

कार्यक्रम में सरिता मेहरा, मीना देवी, गोपाल राम, हीरा देवी, एड. वंदना कोहली, सुनीता, हिमानी जोशी, आशा शर्मा, जया जोशी, चंपा सुयाल, राजू गिरी, गिरधारी कांडपाल, नीता टम्टा, भावना मनकोटी, लीला आर्य, हेमा पांडे, सिमरन नेगी, किरन, चंद्रा देवी, हरीश राम, अमीनुर्रहमान, भावना जोशी, दीक्षा सुयाल, बलवंत नगरकोटी, दीपांशु पांडे, मंजू पंत, ज्योति, गंगा पांडे, मोनिका तुहिन तिवारी, प्रेम कुमार, दिव्या अधिकारी, अंजली तिवारी, ईशा बिष्ट, ममता वाणी, अमित बुधौड़ी आदि मौजूद रहे।