अब driving licence बनवाने के लिए driving training school से लेनी होगी training, सरकार ने बदल दिए पुराने नियम, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं या फिर रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं तो आपके लिए है यह बेहद…

Old 500 or thousand notes worth over Rs 4 crore received from Uttarakhand

अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं या फिर रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं तो आपके लिए है यह बेहद ही काम की खबर। जी हां ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License New Rules) बनवाने को लेकर जरूरी खबर है। DL को लेकर सरकार ने पुराने नियमों में बदलाव कर दिया है। इसके तहत अब लोगों को DL के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। दरअसल, Central government ने driving licence बनवाने के नियमों को अब बेहद आसान कर दिया है। आइये जानते हैं government के इस नए नियम के बारे में।

अब driving test की जरूरत नहीं


DL के लिए नियमों में सरकार ने संशोधन कर दिया है। नए नियम के मुताबिक, अब आपको किसी तरह का कोई ड्राइविंग टेस्ट RTO जाकर देने की जरूरत नहीं पड़ती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इन नियमों को नोटिफाई कर दिया है, ये नियम December से लागू हो चुके हैं। इस नए बदलाव से करोड़ों लोग जो अपने DL के लिए RTO की voting list में पड़े हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

Driving school जाकर training लेनी होगी


मंत्रालय की ओर से उन सभी एप्लीकेंट्स को ये सूचित किया जा रहा है जो अब भी Driving licence पाने के लिए RTO में अपने test का इंतजार कर रहे हैं। अब वो Driving licence के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त driving training school में अपना registration करवा सकते हैं। उन्हें driving training school से training लेनी होगी और वहीं पर test को पास करना होगा, स्कूल की ओर से एप्लीकेंट्स को एक certificate दिया जाएगा। इसी certificate के आधार पर एप्लीकेंट का DL बना दिया जाएगा।

जानिए क्या कहते हैं नये नियम


ट्रेनिंग सेंटर्स को लेकर सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से कुछ गाइडलाइंस और शर्तें भी हैं। जिसमें ट्रेनिंग सेंटर्स के क्षेत्रफल से लेकर ट्रेनर की शिक्षा तक शामिल है। चलिए इसको समझते हैं।

  1. अधिकृत एजेंसी ये सुनिश्चित करेगी की दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के पास कम से कम एक एकड़ जमीन हो, मध्यम और भारी यात्री माल वाहनों या ट्रेलरों के लिए सेंटर्स के लिए दो एकड़ जमीन की जरूरत होगी।
  2. ट्रेनर कम से कम 12वीं कक्षा पास हो और कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए, उसे यातायात नियमों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए।
  3. मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए, पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम 4 हफ्ते होगी जो 29 घंटों तक चलेगी। इन ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को 2 हिस्सों में बांटा जाएगा। थ्योरी और प्रैक्टिकल।
  4. लोगों को बुनियादी सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग, चढ़ाई और डाउनहिल ड्राइविंग वगैरह पर गाड़ी चलाने के लिए सीखने में 21 घंटे खर्च करने होंगे। थ्योरी हिस्सा पूरे पाठ्यक्रम के 8 घंटे शामिल होगा, इसमें रोड शिष्टाचार को समझना, रोड रेज, ट्रैफिक शिक्षा, दुर्घटनाओं के कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और ड्राइविंग ईंधन दक्षता को समझना शामिल होगा।