Almora- शैक्षणिक एवं अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एसएसजे विश्वविद्यालय एवं टेक्नो हब के मध्य हुआ करार

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा एवं टेक्नो हब, संस्था देहरादून के मध्य उत्तराखंड में शैक्षणिक, अकादमिक एवं अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के…

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अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा एवं टेक्नो हब, संस्था देहरादून के मध्य उत्तराखंड में शैक्षणिक, अकादमिक एवं अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। विश्वविद्यालय की तरफ से कुलसचिव डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट एवं टेक्नो हब, देहरादून की तरफ से डॉ. रीमा पंत ने एमओयू हस्ताक्षर किए।

टेक्नो हब ,देहरादून की डॉ रीमा पंत ने एमओयू के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के साथ नौला संरक्षण के लिए कार्य किये जायेंगे। विश्वविद्यालय में एमओयू को लेकर हुए कार्यक्रम में दोनों ही संस्थानों द्वारा भविष्य में उत्तराखंड में आयोजित किये जा सकने वाले कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी ने हर्ष जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय एवं टेक्नो हब,देहरादून के आपसी समन्वय से उत्तराखंड राज्य में शिक्षा एवं जन संसाधनों के आदान-प्रदान, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, रोजगार, नियोजन, डिज़ाइन, विज्ञान, तकनीक, प्रबंधन, विधि आदि को लेकर कार्य संचालित किए जा सकेंगे। बताया कि दोनों संस्थानों के समन्वय से विश्वविद्यालय के शोध एवं शैक्षिक गतिविधियों के साथ समाज के लिए जागरूकता संबंधी कार्य किये जायेंगे। भविष्य में संयुक्त तत्वावधान में वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस, अकादेमिक गतिविधियों, शार्ट ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किये जा सकेंगे।

दोनों संस्थाओं के साथ नौला फाउंडेशन भी नौला के संरक्षण के लिए भविष्य में कम्युनिटी के लिए कार्य करेगा। जिसके लिए तैयारियां की जाएंगी। नौला पुनरुद्धार के लिए प्रोजेक्ट संचालित किये जा सकेंगे। नौला को संरक्षण प्रदान करने के लिए जनजागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। प्राथमिक स्तर पर कुछ नौलों को चयनित कर पुनरुद्धार का प्रयास किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना, योग शिक्षा, दृश्यकला संकाय सहयोग करेगा। इन सभी विषयों पर विश्वविद्यालय के साथ टेक्नो हब,देहरादून और नौला फाउंडेशन मिलकर कार्य करेंगे।

इस अवसर पर युवा सिद्धार्थ राघव द्वारा पानी की शुद्धता मापने वाले उपकरण की जानकारी साझा किया।इस दौरान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुशील कुमार जोशी, कुलसचिव डॉ.देवेंद्र सिंह बिष्ट,अधिष्ठाता शिक्षा प्रो. शेखर चन्द्र जोशी, डॉ ममता असवाल, डॉ. वसुधा पन्त, डॉ.राजेन्द्र राठौड़, डॉ नवीन भट्ट, डॉ मनोज बिष्ट, डॉ. ललित जोशी, विपिन जोशी, देवेंद्र पोखरिया, महेंद्र बनेशी, खेम कठायत, भूपेंद्र सिंह, गोविंद अधिकारी, आलोक वर्मा और नौला फाउंडेशन के भूपेंद्र सिंह, गणेश कठायत आदि शामिल हुए।