Good news: यहां गुलाब की खेती कर आजीविका संवर्धन में जुटी हैं स्वयं ‌सहायता समूह की महिलाएं

धारचूला( पिथौरागढ़), 23 फरवरी 2022- धारचूला की ग्राम पंचायत जयकोट की 7 महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गुलाब की खेती से आजीविका संवर्धन में…

Self help group women are cultivating roses

धारचूला( पिथौरागढ़), 23 फरवरी 2022-

धारचूला की ग्राम पंचायत जयकोट की 7 महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गुलाब की खेती से आजीविका संवर्धन में जुटी हैं।
इसमें अच्छी खबर यह है कि जिले को अब बाहरी राज्य तथा जिलों से गुलाब के पौधे नहीं लाने पड़ेंगे। और इसके लिए नर्सरी तैयार कर ली गई है।


जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जयकोट गांव पहुंचकर इस कार्य में लगी महिलाओं का हौसला बढ़ाया और कहा कि यह हिमांचल जैसा रोजगार परक राज्य बनने की ओर एक छोटी सी पहल है।


उन्होंने बताया कि जयकोट ग्राम पंचायत को गुलाब की खेती के लिए चयनित किया गया था। ग्रामीण विकास विभाग की एनआरएलएम प्रोजेक्ट के तहत इस गांव की 7 महिला स्वयं सहायता समूह को गुलाब की खेती के लिए जिम्मेदारी दी गई।


देहरादून तथा हिमाचल से गुलाब के पौध लाकर इस गांव में रोपे गए थे। आज गुलाब के पौधे तैयार होकर लाभ को देने के लिए परिपक्व हो चुके है। ग्राम पंचायत जयकोट की 7 महिला समूह से जुड़ी 63 से अधिक महिलाएं गुलाब की खेती में अपने रोजगार के भविष्य को सजा एवं संवार रही है।


उन्होंने बताया कि इस गांव में 4 साल पहले लगाये गए गुलाब के पौधे अब नर्सरी के लिए तैयार हो गए है।यहां दो पॉलीहाउस भी लगाए गए है। जिन पॉलीहाउसो में गुलाब की कलम काटकर नर्सरी तैयार की जा रही है। इस तरह का रोजगार करने वालों के लिए यह अच्छी खबर है कि अपने जनपद को अब नये पौंध के लिए अन्य राज्यों के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होगी।


उन्होंने कहा कि गुलाब की खेती को उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में वरदान घोषित किया गया है। गुलाब जल 100 रुपया लीटर स्थानीय बाजार में हाथों हाथ बिक रहा है। हालांकि एक कमी देखने को मिली कि सरकार की ओर से गुलाब जल को बेचने के लिए कोई बाजार की व्यवस्था नहीं की गई है। इस गांव में गुलाब जल निकालने के लिए दो मशीनें भी आई हुई है। इन मशीनों का उपयोग कर महिलाएं स्वयं गुलाब जल निकालती है।


गुलाब से तेल भी बनाया जाता है, जिसके लिए अभी तक इस गांव में कोई मशीन नहीं पहुंची है। यहां के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि जयकोट में गुलाब के पौंध के लिए जो नर्सरी बनाई जा रही है, वह आने वाले समय में इस जनपद के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
जयकोट के किसान वीर सिंह बडाल का कहना है कि सरकार अगर कुछ मदद कर दे तो हम गुलाब से रोजगार ही नहीं अपने गांव को समृद्ध बना सकते हैं।


गुलाब की खेती कर रही गौरी बड़ाल, नारायणी देवी जोशी, बिंद्रा देवी बड़ाल, माना देवी बड़ाल का कहना है कि गुलाब की खेती को महिलाएं स्वरोजगार के क्षेत्र में एक नया कदम मानते हुए कर रही है। अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। उसके बाद भी उनके हौसले कम नहीं हुए है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने गुलाब की खेती के तकनीकी तथा अन्य परेशानियों के संदर्भ में इन लोगों से बातचीत की।


उन्होंने बताया कि वही संदर्भ में पिथौरागढ़ जाकर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान से मुलाकात करेंगे। उनके सामने इस खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव रखा जायेगा। मर्तोलिया ने कहा कि धारचूला तथा मुनस्यारी के गांव को गुलाब की खेती के लिए विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इस पर भी उत्तराखंड पादप बोर्ड से भी बातचीत करेंगे।
उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि विकासखंड स्तर पर इस तरह के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए कोई योजना नहीं है। इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।