Almora- कांग्रेस ने मनोज तिवारी पर लगातार 5 वीं बार जताया भरोसा, इस बार भी मिला टिकट

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 की रणभेरी बज चुकी है। इस चुनाव में विधानसभा क्षेत्र अल्मोडा में कांग्रेस पार्टी की ओर से मनोज तिवारी…

Congress expressed confidence in Manoj Tiwari for the fifth time in a row

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 की रणभेरी बज चुकी है। इस चुनाव में विधानसभा क्षेत्र अल्मोडा में कांग्रेस पार्टी की ओर से मनोज तिवारी चुनावी मैदान में उतरेगें।


स्व0 रमेश चन्द्र तिवारी और पार्वती तिवारी के घर में 1 जुलाई 1971 को जन्मे मनोज तिवारी स्नातक एवं विधि स्नातक हैं। मनोज तिवारी मूल रूप से ग्राम जिंगोली तोली, पोस्ट भनोली जिला ब्लॉक धौलादेवी जिला अल्मोडा (उत्तराखण्ड) के निवासी हैं। वर्तमान में तिवारी मोहल्ला त्यूनरा, नियर टैनीमल भवन एल.आर. साह रोड, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) में रहते हैं

अल्मोड़ा डिग्री कॉलेज से मनोज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूवात की। मनोज तिवारी वर्ष 1991 में अल्मोड़ा डिग्री कॉलेज के स्नातक कक्षा प्रतिनिधि चुने गए। इसके बाद वह वर्ष 1992-93 में कला संकाय प्रतिनिधि उप सचिव कुमाऊँ विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा चुने गए। वर्ष 1993-94 में छात्र संघ महासचिव रहे। वर्ष 1996-97 में वह डिग्री कॉलेज अल्मोड़ा के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1993 में छात्र संघ महासचिव के कार्यकाल के दौरान मनोज तिवारी ने तत्कालीन सांसद हरीश चन्द्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।


वर्ष 1994-95 में उत्तर प्रदेश भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) प्रदेश महासचिव के रूप में कार्य किया।

वर्ष 1997 से अभी तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य के रूप में पार्टी कार्य का निर्वहन किया। वर्ष 2021 से प्रदेश कांग्रेस कमेटी का विशेष आमंत्रित सदस्य रहे |
मनोज तिवारी ने वर्ष 1997 में नगर पालिका सभासद का चुनाव लड़ा और इस चुनाव में भी वह विजयी रहे। वर्ष 2002 में उत्तराखण्ड विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया लेकिन भाजपा के कैलाश शर्मा से वह पराजित हो गए। 2007 में उन्हें फिर से कांग्रेस ने टिकट दिया और उन्होने भाजपा के कैलाश शर्मा को हराकर पिछली हार का बदला चुका लिया।

इस दौरान वह विधानसभा की विभिन्न समितियों में सदस्य के पद पर रहे। 2012 में कांग्रेस ने उन्हें फिर तीसरी बार टिकट दिया और वह भाजपा के रघुनाथ सिंह चौहान को हराकर लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। वर्ष 2013 – 17 तक मनोज तिवारी ने संसदीय सचिव के पद पर कार्य किया और विधान सभा आश्वासन समिति के अध्यक्ष भी रहे। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के रघुनाथ सिंह चौहान ने उन्हें हरा दिया। और अब पांचवी बार कांग्रेस ने उनपर भरोसा करते हुए टिकट दिया हैं।

उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान उत्तराखण्ड संयुक्त संघर्ष समिति के तहत मनोज ने कुमाऊं मण्डल संयोजक का कार्यभार संभाला। अपनी ही सरकार में खराब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मनोज तिवारी ने वर्ष 2013-14 में 48 घंटे का आमरण अनशन किया। मनोज ने इससे पहले भाजपा की सरकार के दौरान सीएम निशंक के आवास के बाहर कोसी बैराज और मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर 24 घंटे का आमरण अनशन किया था।

एक छात्र नेता से अपने राजनीतिक सफर के दौरान मनोज तिवारी ने कई उतार चड़ाव का सामना किया हैं। और कांग्रेस पार्टी ने लगातार पांचवी बार उन पर भरोसा जताते हुए विधानसभा का टिकट दिया है। इस चुनाव में उनके सामने भाजपा के कैलाश शर्मा फिर एक बार सामने होगें।