अब पंजाब के बाद उत्तराखण्ड में भी जोर पकड़ रही है मार्च में चुनाव कराने की मांग

पंजाब में मतदान की तिथि बदले जाने के बाद अब उत्तराखण्ड में भी मतदान की तिथि को बदले जाने की मांग जोर पकड़ रही हैं।…

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पंजाब में मतदान की तिथि बदले जाने के बाद अब उत्तराखण्ड में भी मतदान की तिथि को बदले जाने की मांग जोर पकड़ रही हैं। गौरतलब है कि चरणजीत​ सिंह चन्नी और अन्य राजनीतिक दलों ने संत रविदास जयंती के दिन मतदान होने के कारण मतदान की तिथि को बदलने की मांग की थी,जिसके बाद चुनाव आयोग ने मतदान की तिथि को 20 फरवरी के लिये परि​वर्तित कर दिया हैं।


पंजाब में चुनाव की तिथि बदलने की मांग को चुनाव आयोग द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद अब उत्तराखण्ड में भी लोग यहां की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग से मतदान को मार्च के महीने में कराने की मांग कर रहे हैं। हालां​कि इस मामले में किसी भी राजनीतिक दल की किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देखने को नही मिली हैं।


लोगों ने चुनाव आयोग से उत्तराखंड में 6 मार्च को मतदान कराये जाने की मांग की है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड इन दिनो जबरदस्त ठंड की लहर का सामना कर रहा है। मैदानी इलाकों में जहां कोहरा देखने को मिल रहा है वही पर्वतीय इलाको में सुबह शाम जबरदस्त ठंड पड़ रही हैं।लोगों का कहना है कि चमोली , उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में कई पोलिंग स्टेशन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित है और पोलिंग पार्टियों को ठंड के दिनो में पोलिग स्टेशन तक पहुंचने और वहां व्यवस्थाएं बनाने में काफी दिक्कते पेश आएंगी, इसलिये चुनावा आयोग उत्तराखण्ड में 6 मार्च को मतदान की तिथि नियत करे। इससे चुनाव में मत प्रतिशत भी बढ़ेगा और लोगों को सहूलियत भी होगी।


सामाजिक कार्यकर्ता और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बाकायदा इसके लिये एक मुहिम छेड़ दी है। उनका कहना है उत्तराखण्ड में पलायन किसी से छुपा नही है और रोजी रोटी के लिये एक बड़ी संख्या में राज्य की आबादी अन्य राज्यों में रहती हैं। कहा कि बाहर से आने वाले चुुनाव में भाग ले सके इसके लिये रविवार को मतदान कराया जाना चाहिये। जिससे कि बाहरी प्रदेशों में निवास करने वाले लोग भी मतदान के लिये आ सके।