Uttarakhand- उपपा के 13 वर्ष हुए पूरे, बोले उपपा नेता राष्ट्रीय राजनीति के षडयंत्रों से बिखर रही है राज्य की अवधारणा

अल्मोडा। अपनी स्थापना की तेरहवीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने सुनीता अपार्टमेंट अल्मोडा में आयोजित खुले जन संवाद “क्यों नहीं साकार होती उत्तराखंड की…

Big news: ED took big action

अल्मोडा। अपनी स्थापना की तेरहवीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने सुनीता अपार्टमेंट अल्मोडा में आयोजित खुले जन संवाद “क्यों नहीं साकार होती उत्तराखंड की अवधारणा” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की।

इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की अवधारणा के प्रति जनता व आंदोलनकारियों की राजनैतिक उदासीनता और राष्ट्रीय राजनीति के गहरे षड्यंत्रों के कारण उत्तराखंड आज आर्थिक सामाजिक राजनीति और सांस्कृतिक रूप से बिखर रहा है। जिसे प्रखर राजनीतिक आंदोलन के बिना पटरी पर नहीं लाया जा सकता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों की राज्य विरोधी नीतियों ने राज्य की अस्मिता को बर्बाद किया है और राज्य की सत्ता में वो लोग आए जिन्होंने अवधारणा को साकार नहीं होने दिया।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के मुद्दे लगातार गौण होते चले जा रहे हैं और प्राकृतिक संसाधनों की लूट के साथ उत्तराखंडी अस्मिता के साथ जबरदस्त खिलवाड़ किया जा रहा है।

पत्रकार व सालम समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 21 वर्षों के युवा उत्तराखंड में भाजपा कांग्रेस ने बारी बारी से राज किया और उत्तराखंड के विकास के नाम पर विनाश किया। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि उपपा ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और लगातार जनता के अधिकारों की रक्षा, राज्य की अस्मिता की रक्षा और मूल सवालों को लेकर आज भी मुखर और संघर्षरत है।

डॉ. जे सी दुर्गापाल ने कहा कि क्षेत्रीय दलों का एक मंच पर नहीं आना भी क्षेत्रीय राजनीति के पिछड़ने का मुख्य कारण है।
इस मौके पर उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा, सोमेश्वर विधानसभा प्रभारी किरन आर्या, हेम पांडेय, प्रकाश राम, हेमा कांडपाल, भारती पांडे, मो. शाकिब, धीरेन्द्र मोहन पंत आदि ने अपने विचार रखे। संचालन गोपाल राम ने किया।

गोष्ठी में शंकर राम, ललित प्रसाद, हीरा देवी, मो. वसीम अहमद, बसंत खनी, जगदीश राम, पूरन राम, जगदीश, चंद्रा गिरी, राजू गिरी, रिया गिरी, जीतेश, दीपक सिंह, चंपा सुयाल, दीक्षा सुयाल, भावना मनकोटी, दीपांशु पांडे, कौस्तुभानन्द, सरिता मेहरा, मनोज कुमार पंत, अनीता बजाज, दिव्या रावत, हेमा पांडे समेत अनेक लोग शामिल रहे।