उत्तराखंड मुक्त विवि: अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए शिक्षक – कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

हल्द्वानी। पिछले दिनों नियुक्तियों पर तमाम सवाल उठने के बाद उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एक बार फिर से चर्चा में है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों…

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हल्द्वानी। पिछले दिनों नियुक्तियों पर तमाम सवाल उठने के बाद उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एक बार फिर से चर्चा में है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए अब मोर्चा खोल दिया है तथा विवि प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ संगठित तरीके से संघर्ष के लिए कमर कस ली है। दरअसल विगत दिवस मुख्य गेट बंद किये जाने को लेकर हंगामा हुआ और शिक्षक-कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन करना पड़ा।

इसके बाद बीते बृहस्पतिवार को शिक्षकों और कर्मचारियों ने एक बैठक की। जिसमें एकमत होकर मुक्त विश्वविद्यालय प्रशासन की दोहरी नीतियों की आलोचना करते हुए तय किया गया कि शिक्षक-कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों की एक साझा समन्यवय समिति बनाई जाएगी, जो कि विश्वविद्यालय प्रशासन को किसी भी तरह की मनमानी करने से रोकने का काम करेगी।


इस बैठक में अन्य मुद्दे भी उठे। वर्षों से संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के नियमितीकरण पर चर्चा हुई। इसमें कल के धरना-प्रदर्शन को कुछ ही शिक्षकों और कर्मचारियों का आंदोलन बताने के विश्वविद्यालय प्रशासन के बयान की आलोचना की गई। तय हुआ कि अगर प्रशासन ने अपनी मनमानी बंद नहीं की तो शिक्षक और कर्मचारी आंदोलन करने को विवश होंगे।


इस दौरान वक्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के चहेतों और अन्य शिक्षक-कर्मचारियों के लिए अलग-अगल नियम अपनाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही प्रशासन के करीबी कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों को बिना उपस्थिति रजिस्टर में दस्तखत किये ही वेतन दिये जाने का भी कड़ा विरोध किया गया।


इस बैठक में शिक्षक नेता डॉ भूपेन सिंह, डॉ राजेंद्र कैड़ा, डॉ ममता कुमारी, डॉ. विरेंद्र कुमार सिंह, हर्षवर्धन लोहनी, चारू चंद्र जोशी, भरत नैनवाल, राहुल बिष्ट, हेम छिमवाल, प्रमोद जोशी, मोहन चंद्र बवाड़ी, योगेश मिश्रा, रंजना जोशी, कंचन बिष्ट, पूनम पानू, पूनम खोलिया, छाया देवी, नवीन जोशी, पीएस परिहार, राजेश आर्या, दिनेश कुमार, चंद्र शेखर सुयाल, नंदन सिंह अधिकारी, मनीष बुंगला, राहुल नेगी, मोहित रावत, राजेंद्र गोस्वामी सहित अनेक लोग मौजूद थे।