लापरवाही – कोरोना की पहली लहर में हो गई थी मौत, बरसी भी कर चुके थे परिजन, अब अस्पताल की मोर्चरी में ही मिले शव

कोरोनाकाल अपनी पीछे एक ऐसी यादे छोड़ गया है जिसे कोई भी याद नही रखना चाहेगा। हजारो लाखों लोग अपने परिजनों को खो चुके है।…

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कोरोनाकाल अपनी पीछे एक ऐसी यादे छोड़ गया है जिसे कोई भी याद नही रखना चाहेगा। हजारो लाखों लोग अपने परिजनों को खो चुके है। कई तो अपने स्वजनों के अंतिम दर्शन तक नही कर सके। कई ऐसी दर्दनाक कहानियां कोरोनाकाल दे गया हैं।

वहीं कोरोनावायरस के कारण भारत में ही 4 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके है। अचानक आयी इस भंयकर बीमारी के साथ ही ऐसी घटनाएं सामने आ रही है जिसे सुनकर कोई भी हैरत में पड़ सकता हैं।

सोचिये जिसकी बरसी भी हो चुकी हो और मौत के एक साल बाद उसकी लाश मिले तो परिजनों पर क्या गुजरेगी, लेकिन ये हुआ है दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में, यहां एक साल बाद दो शव मिले है।


दो लाश अस्पताल की मोर्चरी पर अपने अंतिम संस्कार के लिये तरस गयी। हुआ यह कि दो लोगों की मौत कोरोना की पहली लहर के दौरान
हुई थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से इनका शव मोर्चरी में ही रखा रह गया।


मामला कर्नाटक की राजधानी बैग्लौर के राजाजी नगर के ईएसआई हॉस्पिटल का है। यहां मोर्चरी में दो शव बरामद हुए, बताया जा रहा है कि यह दोनो पहली लहर के दौराम कोरोना का शिकार हुए दो कोरोना मरीजों के ​​हैं। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से इनका अंतिम संस्कार नही सका।


इनमें से पहला शव ​मणिराजू नाम के शख्स का है,उसकी कोरोना के कारण 2 जुलाई को मौत हो गयी थी जबकि दूसरा शव बेंगलुरु की रहने वाली दुर्गा का है, इनकी मौत भी कोरोना के कारण 5 जुलाई 2020 हो गयी थी लेकिन उनका शव उनकी बेटी को नही दिया गया। बेटी ने समझा कि मॉं का अंतिम संस्कार हो चुका होगा। लेकिन मौत कोरोना की पहली लहर में 5 जुलाई को हो गई थी. उनकी बेटी को शव नहीं सौंपा गया था

ईएसआईसी यानि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय मॉडल के तहत आने वाले इस अस्पताल में मौत के का पता भी तब चला कि जब अस्पताल के मोर्चरी में से बदबू आने लगी। और इसके बाद जब हाउसकीपिंग विभाग के कर्मचारी खाली पड़े मोर्चरी की सफाई करने गए तो यह दो शव वहां से बरामद हुए। पुलिस के अनुसार मोर्चरी को नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया था और वहां कर्मचारियों ने फ्रीजर में पड़ी दोनों लाशों पर गौर नही किया। बरहहाल दुर्गा और मणिराजू का अंतिम संस्कार सोमवार को कर दिया गया है।