नशे के खिलाफ मा​र्मिक अपील कर रहे हैं बच्चे,’नशे की बोतल तोड़ दो पापा पेंसिल ला दो’, प्राथमिक विद्यालय बजेला के शिक्षक भाष्कर की मुहिम ला रही रंग, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भी निकाली नशे के खिलाफ जागरुकता रैली

अल्मोड़ा। नशे के खिलाफ जनजागरुकता पैदा करने के उदेश्य से प्राथमिक विद्यालय बजेला धौलोदेवी के शिक्षक भाष्कर जोशी और उनके टीक की मुहिम रंग ला…

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अल्मोड़ा। नशे के खिलाफ जनजागरुकता पैदा करने के उदेश्य से प्राथमिक विद्यालय बजेला धौलोदेवी के शिक्षक भाष्कर जोशी और उनके टीक की मुहिम रंग ला रही है। समाज में तेजी से पांव पसार रहे नशे को ना अभियान चला रहे शिक्षक जोशी की टीम ने विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी “राष्ट्रीय पर्वो” की पूर्व संध्या पे ग्राम सभा बजेला विकास खंड धौलादेवी मे सभी बच्चो ने ग्रामीणों संग एक रैली का आयोजन किया जिसमें वे अपने अभिभावकों से अनुरोध कर रहे थे “नशे की बोतल तोड़ दो पाप मेरे पेंसिल ला दो”
शिक्षक भाष्कर जोशी ने बताया कि इस गतिविधि का उद्देश्य यह था कि “जब बच्चें अभिभावकों से वो बात कहें जो उन्हें नही कहनी चाहिए तो अभिभावक शर्म के कारण उनकी बात सुनते हैं,और उनकी कही बात पे अमल करते हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों मे अभिभावक बच्चों की शिक्ष दीक्षा मे उतना ध्यान नही दें पाते जितना की आवश्यक है ,बच्चे बहुत छोटी छोटी चीजो के कारण अकादमिक मे पिछड़ जाते है, और कुछ समय बाद स्वयं भी नशा करने लगतें है। शराब के नशे में चूर रहने वाले अभिभावकों के बच्चों के अवसाद से घिर जाने की आशंका भी बहुत ज्यादा रहती है।अभिभावक के नशे की लत के कारण परिवार के अन्य लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ,इसमें सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव छोटे बच्चों पे पड़ता है , इसके बहुत से कारण है,मुख्य कारण गरीबी ,बेरोजगारी,बच्चो को समय न देना इत्यादि के साथ मदिरा सेवन सर्वविदित है। इस दौरान बच्चों ने एक नुक्क्ड़ नाटक”शिक्षा के सरोकार “द्वारा यह बात भी समझाई की एक गंदी आदत ही दूसरी गंदी आदत को जन्म देती है । उन्होंने बताया कि अक्सर बच्चें एक दूसरे की पेंसिल रबर जैसी छोटी वस्तुयें ले लेते है ,बहुत बार कहने पर भी विद्यालय बिना कॉपी पेंसिल के साथ आतें है ,समस्या यदि छोटी होती तो नज़रअंदाज़ किया जा सकता था पर जब इसकी जड़ तक जाने का प्रयास किया जाये तो पता चलता है कि बच्चें पर तो दो तरफा दबाव है पहला घर से जहाँ उसे ये वस्तुएं मांगने पर मिलती है दुत्कार और दूसरा है विद्यालय जहाँ स्टेशनरी का सामान न लाने पे अध्यापक से डांट यहीं से बालक धीरे धीरे अवसाद से घिरता चला जाता है व अकादमिक मे पिछड़ता चला जाता है ।
हमरा प्रयास है कि बच्चो को उनके अधिकार मिलते रहे ,एक मामूली पेंसिल और कॉपी न लाने पर वह आंखिर क्यों वह सामान्य से असामान्य बनें। सभी कार्यक्रम विद्यालय प्रबंधन समिति राप्रा विद्यालय बजेला के अध्यक्ष दरवान सिंह खनी के निवास पर सम्पन्न हुए ,कार्यक्रम मे दरवान सिंह ,निर्मला देवी ,पूजा खनी , गोपाल सिंह , हर सिंह , जगत सिंह इत्यादि अभिभावकों ने प्रतिभाग किया ।

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