राहत की खबर : देश की सिर्फ इतनी प्रतिशत आबादी को ही होगा Corona के नए वैरीएंट Omicron से खतरा, जानिए किन्हें नही होगा खतरा

Corona के नए वेरिएंट Omicron ने देश ही नही दुनियाभर के वैज्ञानिकों और सरकारों की नींद हराम की है कोरोनावायरस के इस वेरिएंट को सबसे…

Government issued alert on the new corona variant

Corona के नए वेरिएंट Omicron ने देश ही नही दुनियाभर के वैज्ञानिकों और सरकारों की नींद हराम की है कोरोनावायरस के इस वेरिएंट को सबसे खतरनाक माना जा रहा है,देशभर में सरकारी नई नई गाइडलाइन जारी कर रही हैं। लेकिन इसी बीच कोरोना के खतरे पर वैक्सीन के असर को लेकर विशेषज्ञ क्या कहते हैं यह जानना भी जरूरी है तो चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब विशेषज्ञों ने क्या दिए।

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20 फीसदी आबादी को ही है खतरा

डॉ जुगल किशोर जो कि वर्धमान मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक है, उनके अनुसार की कोरोना के omicron वैरिएंट से भारत की 20% आबादी को ही खतरा है। इसका कारण डॉ जुगल किशोर आगे बताते है कि कोरोनावायरस की पहली लहर में अल्फा वेरिएंट का खतरा था,जबकि दूसरी लहर में क्मसं डेल्टा वैरीअंट से संक्रमण फैला, लेकिन उन लोगों को संक्रमण नहीं हुआ जो पहले ही अल्फा वेरिएंट की चपेट में आ चुके थे। इसलिए डॉ जुगल किशोर का कहना है कि जो लोग पहले ही alfa varient और delta varient की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें कोरोनावायरस के इस नए वैरीएंट से कोई खतरा नहीं है।

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इन लोगों को कम खतरा

वैक्सीन को लेकर किए गए सवाल में डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा की भारत में बनी को covaxin इस वैरीएंट पर अधिक असरदार साबित जो सकती है,क्योंकि इसे किसी स्ट्रेन पर देखकर नहीं बल्कि इसे पूरे वायरस को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। डॉ जुगल किशोर ने यह भी याद दिलाया कि सिंगापुर की लगभग पूरी आबादी को टीका लगाया जा चुका है,लेकिन फिर भी वहां omicron फैला। लेकिन सच्चाई यह भी है कि सिंगापुर में वैक्सीन लगाने के बाद भी 75 फ़ीसदी लोग संक्रमण की चपेट में आए, जबकि भारत में यह आंकड़ा सिर्फ 27% था। डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि भारत के लोगों में प्राकृतिक प्रतिरोधकता ज्यादा है,करीब 80 फ़ीसदी आबादी पहले ही Corona का सामना कर चुकी है।