Pithoragarh – संविधान दिवस पर विद्यार्थियों ने समझा संविधान निर्माण की प्रक्रिया और महत्व

संविधान दिवस पर आरंभ स्टडी सर्किल ने निखिलेश्वर चिल्ड्रन एकेडमी में संविधान निर्माण की प्रक्रिया व महत्व समझाया, संविधान निर्माण की चुनौतियों और बारीकियों से…

Pithoragarh- On Constitution Day, students understood the process and importance of constitution making

संविधान दिवस पर आरंभ स्टडी सर्किल ने निखिलेश्वर चिल्ड्रन एकेडमी में संविधान निर्माण की प्रक्रिया व महत्व समझाया, संविधान निर्माण की चुनौतियों और बारीकियों से अवगत कराना था उद्देश्य
पिथौरागढ़। संविधान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। आरंभ स्टडी सर्कल की ओर से पिथौरागढ़ के निखिलेश्वर चिल्ड्रेन एकेडमी में भारतीय संविधान के निर्माण की चुनौतियों और बारीकियों विद्यार्थियों को अवगत करवाने के उद्देश्य से संविधान निर्माण संबंधी गतिविधि करवाई गई।


इस गतिविधि में विद्यालय की नवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसमें उन्हें एक काल्पनिक स्थिति दी गई, जिसके आधार पर विद्यार्थियों को संविधान का निर्माण करना था। छात्र-छात्राओं को इस गतिविधि के लिए 6 समूहों में बांटा गया। समूह में नियम कानून बनाने की जरूरत और प्रक्रिया को समझने के बाद छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने बिंदुओं को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसके बाद विद्यार्थियों के बीच इन बिंदुओं पर व्यापक चर्चा करवाई गयी। पूरी गतिविधि के दौरान छात्र-छात्राओं ने समानता, समता, लैंगिक भेद, जातीय भेद, धार्मिक समरसता व इस सब को खत्म करने में संविधान की अहम भूमिका पर विस्तृत व रोचक विचार विमर्श किया।


संविधान निर्माण संबंधी इस गतिविधि का लक्ष्य छात्र-छात्राओं में संवैधानिक मूल्यों का प्रसार व संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया से रूबरू कराना था। गतिविधि के अंत में सभी समूहों ने अपना-अपना काल्पनिक संविधान प्रस्तुत किया और अन्य समूहों के प्रश्नों का भी बखूबी जवाब दिया। कार्यक्रम के अंत में सबने संविधान की प्रस्तावना का हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पाठ किया। छात्र-छात्राओं को 1949 में संविधान को अंगीकृत व आत्मसमर्पित करने की प्रक्रिया तथा संविधान सभा के गठन, इसमें डॉ. बीआर अंबेडकर की भूमिका आदि के बारे में भी जानकारी दी गयी।


इस अवसर पर बाल अखबार नन्ही कलम के संपादक आशीष ने कहा कि संविधान को लागू हुए आज इतने वर्ष हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी समाज में संवैधानिक मूल्यों का विकास एक चुनौती बना हुआ है। इस तरह की गतिविधि न केवल बच्चों के पाठ्यक्रम से जुड़ती है, बल्कि उन्हें अपने समाज और आसपास हो रहे दैनिक घटनाक्रमों से जोड़ती है। विद्यालय की प्रधानाचार्या ममता सिंह ने कहा कि यह बेहद रोचक गतिविधि है, जो छात्र छात्राओं में न केवल संवैधानिक मूल्यों का विकास करवाती है, बल्कि सामाजिक विज्ञान के विषयों के प्रति उनमें रुचि भी पैदा करती है। गतिविधि संचालन में ‘आरंभ’ के दीपक, सोमेश, महेंद्र व अभिषेक शामिल थे