Pithoragarh- कालीदास जयंती पर आनलाइन संगोष्ठी आयोजित

पिथौरागढ़। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा महाकवि कालिदास जयंती के अवसर पर पिथौरागढ़ में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया,जिसका शीर्षक महाकवि कालिदासस्य ग्रन्थेषु नैतिकमूल्यानि निर्धारित…

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पिथौरागढ़। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा महाकवि कालिदास जयंती के अवसर पर पिथौरागढ़ में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया,जिसका शीर्षक महाकवि कालिदासस्य ग्रन्थेषु नैतिकमूल्यानि निर्धारित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी गुरुकुलानंद सरस्वती ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत अत्यंत सरल व सरस भाषा है। जिसका सर्वतोभावेन पठन पाठन आवश्यक है। मुख्य अतिथि लोकसभा सचिवालय के अपर निदेशक सूर्यकांत पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान समय मे नैतिक मूल्यों पर इस प्रकार की संगोष्ठियों का आयोजन प्रासंगिक है, क्योंकि संस्कृत साहित्य नैतिक मूल्यों का आधार है। आज समाज में हो रही विकृतियां नैतिक मूल्य आधारित साहित्य के अभाव के कारण ही हैं।

विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षाधिकारी डॉ अशोक कुमार गोसाई ने कहा कि संस्कृत ही संस्कृति का आधार है। इसलिए संस्कृत का प्रचार प्रसार आवश्यक है। मुख्यवक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के प्रोफेसर रंजन कुमार त्रिपाठी ने कालिदास के साहित्य में वर्णित नैतिक मूल्यों पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। सह वक्ता डीडी न्यूज़ पर प्रसारित होने वाले संस्कृत साप्ताहिक वार्तावली के मुख्य सम्पादक व प्रवाचक डॉ नारायण दत्त मिश्र थे ।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण ज्योति प्रकाश ने एवं लौकिक मंगलाचरण लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ संस्कृत विभाग की छात्राओं मंजू सुयाल, संख्या, हेमा, निकिता एवं हेमलता ने किया। छात्राओं द्वारा संस्कृत गीत एवं शांति पाठ भी किया गया। अतिथियों का स्वागत गोपेश पाण्डेय ने किया ।

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के शोधाधिकारी डॉ हरीश चंद्र गुरुरानी, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. लक्ष्मीनिवास पाण्डेय, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ कंचन तिवारी, डॉ दिनेश चन्द्र, डॉ कीर्तिवल्लभ शक्टा, डॉक्टर बबीता कांडपाल तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधार्थी, प्राध्यापक आदि इसमें शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन रघुनाथ भट्ट ने किया।