पिथौरागढ़ में विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग मुखर

छात्र नेताओं और युवाओं ने उच्च शिक्षा राज्यमंत्री को भेजा ज्ञापन पिथौरागढ़ महाविद्यालय की समस्याएं भी उठाईं पिथौरागढ़। सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय खोले…


छात्र नेताओं और युवाओं ने उच्च शिक्षा राज्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

पिथौरागढ़ महाविद्यालय की समस्याएं भी उठाईं


पिथौरागढ़। सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने के लिए की मांग करते हुए छात्र नेताओं और युवाओं ने उच्च शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं जनमंच पिथौरागढ़ के संयोजक भगवान सिंह रावत, वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष राकेश जोशी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महेंद्र रावत आदि के नेतृत्व में भेजे गए ज्ञापन में मांग के संबंध में विभिन्न बिंदु उठाये गए हैं। कहा है कि पिथौरागढ़ में वर्तमान में राजकीय विवि की स्थापना प्रस्तावित है। इसे यहां स्थापित किया जाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह जनपद चीन-तिब्बत और नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था अच्छी न होने से लगातार पलायन की मार झेल रहा है। यहां का सामान्य अभिभावक गरीबी के चलते अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए हल्द्वानी, देहरादून जैसे बड़े शहरों में नहीं भेज पाता है। उच्च शिक्षा के अधिक विकल्प न होने के कारण सारा बोझ संसाधनों की कमी झेल रहे पिथौरागढ़ महाविद्यालय पर है, जिसमें शैक्षिक गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित है।
छात्र नेताओं ने इसके साथ ही पिथौरागढ़ महाविद्यालय के खेल मैदान के सुधारीकरण, लाइब्रेरी के लिए फंड आवंटित करने और शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग की है। ज्ञापन भेजने वालों में किशोर जोशी, मुकेश चंद आदि शामिल हैं।


पिथौरागढ़। सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने के लिए की मांग करते हुए छात्र नेताओं और युवाओं ने उच्च शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं जनमंच पिथौरागढ़ के संयोजक भगवान सिंह रावत, वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष राकेश जोशी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महेंद्र रावत आदि के नेतृत्व में भेजे गए ज्ञापन में मांग के संबंध में विभिन्न बिंदु उठाये गए हैं। कहा है कि पिथौरागढ़ में वर्तमान में राजकीय विवि की स्थापना प्रस्तावित है। इसे यहां स्थापित किया जाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह जनपद चीन-तिब्बत और नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था अच्छी न होने से लगातार पलायन की मार झेल रहा है। यहां का सामान्य अभिभावक गरीबी के चलते अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए हल्द्वानी, देहरादून जैसे बड़े शहरों में नहीं भेज पाता है। उच्च शिक्षा के अधिक विकल्प न होने के कारण सारा बोझ संसाधनों की कमी झेल रहे पिथौरागढ़ महाविद्यालय पर है, जिसमें शैक्षिक गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित है।
छात्र नेताओं ने इसके साथ ही पिथौरागढ़ महाविद्यालय के खेल मैदान के सुधारीकरण, लाइब्रेरी के लिए फंड आवंटित करने और शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग की है। ज्ञापन भेजने वालों में किशोर जोशी, मुकेश चंद आदि शामिल हैं।