Pithoragarh – लंदन फोर्ट में सातूं – आठूं पर्व पर आधारित नाटिका के जरिये कलाकारों ने कुमाऊंनी लोक संस्कृति के रंगों से कराया रूबरू

पिथौरागढ़। कुमाऊंनी लोक पर्व सातूं-आठूं पर आधारित नृत्य नाटिका ‘गौरा-महेश्वर’ का विगत दिवस जिला मुख्यालय स्थित लंदन फोर्ट में शानदार मंचन किया गया। पिथौरागढ़ की…

Pithoragarh - Artists introduced to the colors of Kumaoni folk culture through a play based on the festival of Satoon - Aatho in London Fort.

पिथौरागढ़। कुमाऊंनी लोक पर्व सातूं-आठूं पर आधारित नृत्य नाटिका ‘गौरा-महेश्वर’ का विगत दिवस जिला मुख्यालय स्थित लंदन फोर्ट में शानदार मंचन किया गया। पिथौरागढ़ की सांस्कृतिक संस्था दर्पण कला मंच की इस प्रस्तुति में सातंू-आठूं पर्व के विभिन्न पहलुओं का मनमोहक रूप प्रस्तुत करने के साथ ही लोक गीत व नृत्य के रंगारंग कार्यक्रम पेश किये गए। बड़ी संख्या में आए दर्शकों ने कार्यक्रम की सराहना और आगे भी इस तरह के आयोजन किये जाने पर जोर दिया।


सर्वप्रथम दर्पण कला मंच की टीम ने शिव स्तुति के साथ आयोजन का शुभारंभ किया और मुख्य अतिथि कर्मचारी नेता और केएमवीएन पर्यटक आवास गृह के प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने दीप प्रज्ज्वलन कर नृत्य नाटिका गौरा-महेश्वर के मंचन की शुरूआत की, जिसमें सबसे पहले गौरा यानि गमरा की स्थापना की गई।

जिसके बाद डलिया में शिव और पार्वती की मूर्ति लेकर महिलाओं ने उनके साथ मनमोहक नृत्य किया। इस दौरान सातूं-आठूं पर्व में पर्व में की जानी वाली प्रक्रियाओं-बिरूड़ा धोना, फल फटकना, पंडित द्वारा पूजा अर्चना कराने जैसे प्रसंग भी कलाकारों ने अभिनीत किये। नाटिका के अंतिम हिस्से में चांचरी खेल का शानदार प्रस्तुतिकरण किया गया और फिर शिव स्तुति के साथ नृत्य नाटिका का समापन हुआ।

कार्यक्रम के अंत में कलाकारों ने कुमाऊंनी और गढ़वाली लोक गीत व नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति से आयोजन में चार चांद लगा दिए, जिसकी भारी संख्या में उपस्थित दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। शिव वंदना लोक गायिका सीमा आगरी और गायक योगेश बोरा ने प्रस्तुत की।

आयोजक संस्था की टीम में निदेशक भूपेंद्र बिष्ट, कोरियोग्राफर कमला बिष्ट, लोक कलाकार शाहिल, विक्रम, पारस बिष्ट, नवनीत, रवि कुमार, विपिन कुमार, गायिका अनीता बिटालू, शीतल, नैना शामिल थे। वाद्य यंत्रों में रवि कुमार, बलवंत कुमार, रोहित कुमार और धीरज कुमार ने संगत दी। कार्यक्रम के अतिथि कत्थक नृतक हेमंत पांडे, संस्कृति कर्मी हेमराज बिष्ट, प्रबल पांडे, प्रकाश पांडे आदि गणमान्य लोग थे। संचालन विप्लव भट्ट ने किया।