विवादों की शुरूआत— अल्मोड़ा में ई—रिक्सा का ट्रायल हुआ , जनप्रतिनिधियों ने लगया उपेक्षा का आरोप

अल्मोड़ा। लगता है अल्मोड़ा में अफसरशाही द्धारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने का कार्य जारी है। कुछ ही दिन पहले अल्मोड़ा बेस अस्पताल में कुमाँऊ कमीश्नर…

e1
e1

अल्मोड़ा। लगता है अल्मोड़ा में अफसरशाही द्धारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने का कार्य जारी है। कुछ ही दिन पहले अल्मोड़ा बेस अस्पताल में कुमाँऊ कमीश्नर और डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान के बीच रिबन काटने का मामले में विवाद शांत भी रहीं हुआ था, सोमवार को फिर नगर में ट्रायल के तौर पर शुरू किए गए ई—रिक्सा संचालन के उद्घाटन के दिन जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाए जाने से मामले ने फिर विवाद का रूप ले लिया है। अल्मोड़ा में इस ट्रायल का आगाज हुआ लेकिन नगर के प्रथम व्य​क्ति कहे जाने वाले पालिकाध्यक्ष को ही इसकी जानकारी नहीं दी गई। पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने कहा कि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में इसका प्रस्ताव परिवहन विभाग को दिया था। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में ई—रिक्सा का संचा​लन होना स्वागतयोग्य है। परंतु अधिकारियों का रवैया जनप्रतिनिधियों के प्रति उपेक्षात्मक बना हुआ है। यह चिंता की बात है।
सोमवाार की सुबह एआरटीओ आलोक जोशी की मौजूदगी में केएमओ स्टेशन से इस ई रिक्सा का ट्रायल बेस पर संचालन शुरू हुआ। ट्रायल के दौरान इसे होटल शिखर से रघुनाथ सिटी मॉल तक इसका संचालन होगा। इधर लोगों का कहना है कि बिना किसी तैयारी और एक खास को प्रस्थान को प्रमोट करने के लिए इसका संचालन किया जा रहा है। और इस लिए प्रशासन इसे जल्दबाजी में लागू करना चाह रहा है। एआरटीओ आलोक जोशी ने कहा कि इसे केवल ट्रायल बेस पर लागू किया जा रहा है। क्योंकि पर्वतीय क्षेत्र के लिए ई—रिक्सा चलाने की अनुमति शासन स्​तर पर नहीं है। इसी ट्रायल की सफलता के बाद आगे कार्यवाही की जाएगी।

e2