अजीत बजाज ने युवाओं को सुनाई अपनी कहानी

नई दिल्ली: एशिया का सबसे प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) तीन जुलाई यानी आज टेडएक्स का आयोजन कर रहा है। यह शनिवार को…

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नई दिल्ली: एशिया का सबसे प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) तीन जुलाई यानी आज टेडएक्स का आयोजन कर रहा है। यह शनिवार को 11 बजे से शुरू हो गया। ‘टेडेक्स एसआरसीसी’ नामक इस कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर सहित विभिन्न क्षेत्रों की नौ शख्सियतें युवाओं का मार्गदर्शन करेंगी।

‘टेडेक्स एसआरसीसी’ कार्यक्रम की थीम पहचान की पहेली रखी गई है। कार्यक्रम की शुरुआत एक वीडियो दिखाने के साथ की गई, जिसमें सवाल उठाए गए कि आखिर हम क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं, कहां और किसके लिए कर रहे हैं? बता दें कि ‘टेडएक्स एसआरसीसी’ में शामिल होने वाले युवा नए विचारों को तो सामने रखेंगे ही, इसके साथ ही दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हुए नूतन अनुसंधानों से भी रूबरू कराएंगे।

पर्वतारोही अजीत बजाज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवाओं के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग और स्कीइंग करना मेरी जिंदगी की सबसे कीमती कमाई है। इससे बेहतर मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा, ”मुझे बचपन से ही पहाड़ियों पर चढ़ने का शौक था। वह 12 वर्ष साल की उम्र में 15 सौ फीट ऊंची चोटी पर चढ़ गया था। 16 साल की उम्र में हनुमान टीबा नामक स्थान पर वह 5 हजार ऊंची फीट चोटी पर चढ़ा था। इस तरह मेरा सफर आगे बढ़ता चला गया। मेरे बचपन के इस सपने को पूरा करने में मेरे माता-पिता ने मेरा समर्थन किया।”

अजीत बजाज ने अपनी कहानी सुनाते हुए युवाओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि जब मैंने 21वां जन्मदिन 23000 फीट ऊंचाई पर मनाया। वर्ष 2012 में अजीत ने नार्थ पोल और साउथ पोल पर चढ़ाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उक्त रिकार्ड की बदौलत भारत सरकार ने उन्हें पदमश्री अवॉर्ड से नवाजा था। लेकिन सबसे बड़ी खुशी तब मिली, जब 2018 में मैंने अपनी बेटी दीया के साथ माउंट एवरेस्ट फतह किया।

अजीत बजाज ने कहा, ‘मेरे शौक के चलते दुनिया भर में मुझे पहचान मिली। स्विट्जरलैंड और रूस समेत कई देशों से सम्मान मिला। अगर मैं अपने शौक को फॉलो नहीं करता तो शायद आज जो हूं वो नहीं होता।’ इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से अपने शौक को जिम्मेदारी के साथ फॉलो करने की सलाह दी।  उन्होंने युवाओं से कहा कि लोग क्या कहते हैं, उस पर गौर मत कीजिए। परिवार और दोस्तों के समर्थन से सफलता की सीढ़िया चढ़ते जाइए।