भीमताल। उत्तराखंड की पारंम्परिक कुमाँऊनी चित्रकला ऐपण (Aipan Art) को बचाने की मुहिम में राज्य की बेटियां सदैव आगे रहीं हैं। ऐसा ही एक प्रयास भीमताल की बेटी गुंजन मेहरा द्वारा किया जा रहा है।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड़ा से फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर रही गुंजन पिछले कुछ वर्षो से लगातार ऐपण चित्रकला में निखार लाने का अभ्यास कर रही है। वह युवा महिलाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी करती है जिससे इस पारंम्परिक कौशल का उपयोग संस्कृति संरक्षण के साथ ही आय के स्त्रोत के रूप में भी किया जा सके।
गुंजन का कहना है कि वह आने वाली पीढ़ियों तक कुमाँऊ की इस पारंम्परिक चितत्रकला को पहुंचाना चाहतीं हैं। वह कहती हैं कि कुमाँऊ की इस शानदार विरासत और धार्मिक महत्व के शिल्प को सहेजने और पुनजीर्वित करने की जरूरत है। वह अनेक ग्राहकों के लिए अनुकूलित उत्पाद बनाने के लिए ऐपण डिजाइनों को नेमप्लेटस, दियें, कोस्टर्स, पूजा थाल इत्यादि में पेंट भी कर चुकी है।