उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी एवं भूमि सुधार विषय पर वेबिनार आयोजित

भतरौंजखान। राजकीय महाविद्यालय भतरौंजखान अल्मोड़ा के ‘उत्तराखण्ड की माटी बोले’ संवाद श्रृंखला कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी एवं भूमि सुधार पर…

भतरौंजखान। राजकीय महाविद्यालय भतरौंजखान अल्मोड़ा के ‘उत्तराखण्ड की माटी बोले’ संवाद श्रृंखला कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी एवं भूमि सुधार पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। 
      
वेबिनर के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता चैनल वॉयस ऑफ़ माउंटेंस के कार्यकारी अधिकारी और IFFCO के प्रशासनिक अधिकारी जगनमोहन जिज्ञासु रहे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों की चकबंदी अभी मैदानी एवं तराई क्षेत्रो से पीछे है। उन्होंने शीघ्र ही एक पृथक चकबंदी विभाग कि मांग एव चकबंदी अधिकारियों की नियुक्ति पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने राजस्व विभाग के पास संसाधनों की कमी एवं स्वैच्छिक चकबंदी की ओर भी ध्यान आकर्षित  किया। उनके मतानुसार भूमि सुधार एवं बंदोबस्ती तभी संभव हो पाएगी जब मजबूत राजनीतिक  इच्छाशक्ति और जन सहभागिता होगी। 

ई- संगोष्ठी में अतिथि वक्ता हिमांशु थपलियाल, जिला संयोजक चमोली,  साहित्य परिषद उत्तराखण्ड ने भी चकबंदी के सकारात्मक पक्ष पर जोर दिया और कहा कि इससे स्वावलंबी एवं स्वाभिमानी उत्तराखण्ड का निर्माण कर सकती है। अतिथि वक्ता सिद्धार्थ नेगी , निदेशक उत्तरांचल यूथ एंड रूरल डेवलपमेंट सेंटर , ने व्यक्तिगत चकबंदी के बदले सामूहिक चकबंदी संबंधी व्यावहारिक एवम् वैज्ञानिक  जानकारी साझा की। 

इस दौरान डॉ अर्चना चौधरी ,डॉ संजय, डॉ रत्ना, डॉ प्रामाणिक, लक्ष्य पांडेय सहित अनेक शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों ने वेबिनार में प्रतिभाग किया। महाविद्यालय की प्राचार्य एवं संरक्षिका प्रो सीमा श्रीवास्तव एवं समन्वयक राजनीति शास्त्र विभाग डॉ केतकी तारा कुमैया ने सभी का आभार व्यक्त किया।