आरक्षण पर केंद्र सरकार का बड़ा दांव आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाई

डेस्क : चुनावी वर्ष में केन्द्र सरकार ने बड़ा दांव खेला है, पांच राज्यों के हालिया चुनाव परिणामों और सवर्णों की नाराजगी तेजी से उठने…

डेस्क : चुनावी वर्ष में केन्द्र सरकार ने बड़ा दांव खेला है, पांच राज्यों के हालिया चुनाव परिणामों और सवर्णों की नाराजगी तेजी से उठने के बाद सरकार ने कैबीनेट बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगा दी है |
ऐसे में आरक्षण का कोटा 49.5 प्रतिशत से 59.5 प्रतिशत हो जाएगा।
इस आरक्षण की परिधि में 8 लाख रुपये से कम सालाना आमदनी वाले को पर रखने का प्रस्ताव किया है |
इसके लिए सरकार को आरक्षण लागू करवाने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा |
केन्द्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले यह बड़ा दांव चला है |
इसमें सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है |
केंद्र सरकार आरक्षण के इसे लागू करने के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा क्योंकि भारतीय संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है।
पता चला है कि आरक्षण का कोटा मौजूदा 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 59.5 प्रतिशत किया जाएगा। इसमें से 10 फीसदी कोटा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए होगा।
लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी। इलके लिए सामान्य वर्ग के लोगों ने एक बड़ा आंदोलन छेड़ा है|
आ रही जानकारियों की मानें तो जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की शर्त भी रखे जाने की खबरें हैं। 
बीते दिनों एससी/एसटी ऐक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्‍यों में मिली हार के मद्देनजर इसे सवर्णों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।